जम्मू-कश्मीर के बधाल में रहस्यमयी बीमारी से 17 मौतें, गांव अब कंटेनमेंट जोन
Jammu Kashmir News | जम्मू-कश्मीर के राजौरी के गांव बधाल को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। यहां रहस्यमयी बीमारी से 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत के बाद बुधवार को यह फैसला लिया गया। यहां अब भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। मंगलवार को एक और बुधवार को दो मरीज और सामने आए। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंगलवार को 25 साल के युवक एजाज अहमद की तबीयत बिगड़ी थी। पहले उसे जीएमसी जम्मू लाया गया था। फिर पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया। गांव में हुई मौतों की वजह अभी सामने नहीं आई है।
गांव में 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में ये मौतें हुई हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला गांव में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। इसके बाद प्रशासन ने गांव को कंटेनमेंट जोन बनाने का फैसला लिया।
गांव को 3 कंटेनमेंट जोन में बदला गया...
>> पहला जोन उन परिवारों को कवर कर रहा है, जिनमें मौतें हुई हैं। इन परिवारों के घरों को सील कर दिया गया है और सभी लोगों के लिए यहां पर एंट्री बैन कर दी गई है। परिवार वालों को भी यहां जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्हें यहां जाने के लिए अधिकारियों की मंजूरी लेनी होगी।
>> दूसरे कंटेनमेंट जोन में प्रभावित व्यक्तियों के करीबी संपर्क में आने वालों यानी परिवार वालों को रखा गया है। इन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी सेहत पर नजर रखी जा रही है। तीसरे जोन में गांव के सभी परिवारों को रखा गया है।
>> तीसरे कंटेनमेंट जोन में मेडिकल स्टाफ लगातार गांव वालों के खान-पान पर नजर रख रहा है। यहां अस्पताल की तरफ से तैनात किया गया अफसर ही लोगों को खाना और पानी देगा। यहां पहले से मौजूद कुछ भी खाने पर रोक लगा दी गई है। पुलिस टीम भी यहां मौजूद है।
क्या ये बीमार है, हमें इसका जवाब चाहिए - मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला ने गांव का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उमर ने मोहम्मद असलम से मुलाकात की। उसने परिवार के 8 सदस्यों को खोया है। उमर ने कहा- ऐसा क्यों हुआ? हमें इस सवाल का जवाब चाहिए। यह कोई बीमारी नहीं है, इसलिए पुलिस इसकी जांच कर रही है। SIT गठित की गई है। केंद्र सरकार ने भी एक टीम तैनात की है। वो सैंपल कलेक्टर रही है। उमर ने कहा कि मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि प्रशासन, पुलिस और भारत सरकार की कोशिश जारी है, जल्द ही सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। अगर ये कोई बीमारी है तो हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी ये तय करना होगा कि ये फैले नहीं।
मृतकों के नमूनों में न्यूरोटॉक्सिन मिला
मंत्री सकीना मसूद ने कहा कि अगर ये मौतें किसी बीमारी के कारण हुई होतीं तो ये तेजी से फैल जाती और केवल तीन परिवारों तक सीमित नहीं रहती। हालांकि कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स ने मृतकों के नमूनों में 'न्यूरोटॉक्सिन' पाए जाने की बात कही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार नेशनल लेवल के हेल्थ इंस्टीट्यूट्स की मदद ले रही है। इसमें पुणे का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), दिल्ली का राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), ग्वालियर का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और PGI चंडीगढ़ शामिल हैं। किसी भी जांच में कोई नेगेटिव रिजल्ट सामने नहीं आया है। पानी और फूड आइटम्स की भी जांच की गई है, लेकिन किसी भी जहरीले पदार्थ का पता नहीं चला है।
#WATCH | On mysterious deaths in Jammu & Kashmir's Rajouri, CM Omar Abdullah says, "The day when we got the information, the health department along with other departments have been working to understand the causes behind such incidents... Tests were done, and we reached the… https://t.co/MLB7e6d4P3 pic.twitter.com/WIzeFZ3g9v
— ANI (@ANI) January 21, 2025
गृह मंत्रालय ने जांच के लिए इंटर मिनिस्ट्रियल टीम बनाई
गृह मंत्री अमित शाह ने इन मौतों की जांच के लिए शनिवार को इंटर मिनिस्ट्रियल टीम बनाने का आदेश दिया था। यह हाई लेवल टीम रविवार को गांव पहुंची थी। टीम को गृह मंत्रालय ही लीड कर रहा है। टीम में स्वास्थ्य, कृषि, रसायन और जल संसाधन मंत्रालय के एक्सपर्ट्स शामिल हैं। यह मौत की वजह की जांच के साथ ही आगे इस तरह की मौतें रोकने के लिए भी जरूरी कदम उठाएगी। इससे पहले 15 जनवरी को रियासी जिले के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) गौरव सिकरवार ने SIT गठित की थी। 11 मेंबरों की SIT की अध्यक्षता सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ऑपरेशन) वजाहत हुसैन कर रहे हैं।
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