यहां वन कर्मियों और तेंदुए के बीच चल रहा लुकाछिपी का खेल
📌 देर शाम तक फॉरेस्ट टीम कर रही कांबिंग
👉 वन क्षेत्राधिकारी ने दी सतर्क रहने की हिदायत
सीएनई रिपोर्टर, सुयालबाड़ी। आम तौर पर किसी तेंदुए (Leopard) की तलाश में वन महकमा तब जुटता है, जब वह आदमखोर हो जाता है, लेकिन यहां मामला कुछ और है। नैनीताल—व अल्मोड़ा के सीमावर्ती क्षेत्र में अबकी बार एक मवेशीखोर तेंदुए ने नाक में ऐसा दम कर दिया कि वन विभाग की टीम को उसकी तलाश में जुटना पड़ गया है। देर शाम तक कहीं छुपे बैठे तेंदुए को जहां टीम एक ओर ढूंढ रही है, वहीं ग्रामीणों को भी सतर्क रहने की हिदायत दी जा रही है।
Villagers fear due to increasing movement of leopard
दरअसल, यह मामला नैनीताल जनपद अंतर्गत नथुवाखान रेंज का है। जहां खुद वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद कुमारअ आर्य तेंदुए को तलाशने में अपनी टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। बता दें कि यहां सिरसा, नैनीपुल, खीनापानी, चौनीखेत आदि इलाकों में एक मवेशीखोर तेंदुए ने लंबे समय से आतंक मचा रखा है। इसका साहस इतना हो गया है कि यह दिन—दहाड़े ही खेतों व आवासीय परिसरों के आस—पास बंधे जानवरों पर हमला करने लगा है। गत दिनों इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। तेंदुए की बढ़ती आवाजाही से ग्रामीण काफी खौफजदा हैं। जिस कारण समाचार को कई बार सीएनई ने प्रमुखता से उठाया। जिसका परिणाम यह रहा कि तेंदुए की तलाश तेज हुई और एक विभागीय टीम का गठन किया गया।
मवेशीखोर गुलदार की तलाश में वन विभाग की टीम
वन क्षेत्राधिकारी नथुवाखान प्रमोद कुमार आर्य के नेतृत्व में विपिन बिष्ट, बीट वाचर दीवान सिंह व कई अन्य सहकर्मियों ने गत दिवस सिरसा गांव के जंगलों का भ्रमण किया। जिसमें उन्होंने ग्रामीणों से वार्ता की और सतर्क रहने को कहा। उन्हेांने हिदायद दी कि ग्रामीण अपने बच्चों को देर शाम बाहर रहने से रोकें। साथ ही पालतू मवेशियों को भी समय से घर ले आयें। यदि कहीं उन्हें गुलदार की आवाजाही दिखती है तो तुरंत विभाग को सूचित करें। उन्होंने कहा कि रात आठ बजे तक विभाग गुलदार की तलाश कर रहा है। यदि उन्हें वह कहीं दिखाई देगा तो मामले की सूचना उच्चाधिकारियों को दी जायेगी। अलबत्ता समाचार लिखे जाने तक गुलदार को ट्रेस नहीं किया जा सका है। विभागीय टीम की कोशिश जारी है। जैसे ही गुलदार दिखेगा, तब अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। ऐसा वन विभाग का कहना है।