For the best experience, open
https://m.creativenewsexpress.com
on your mobile browser.
Advertisement

एमआई 17 और चिनूक से एयर लिफ्ट रेस्क्यू शुरू, 133 लोगों को निकाला जा चुका, मोर्चे पर डटी सेना

11:53 AM Aug 05, 2024 IST | CNE DESK
एमआई 17 और चिनूक से एयर लिफ्ट रेस्क्यू शुरू  133 लोगों को निकाला जा चुका  मोर्चे पर डटी सेना
Advertisement

Kedarnath | केदार घाटी में सोमवार को मौसम साफ होने के साथ ही एमआई 17 और चिनूक से एयर लिफ्ट रेस्क्यू शुरू हो गया है। एमआई चारधाम हेलीपैड पर यात्रियों को उतार जा रहा है जबकि चिनूक गौचर हवाई पट्टी पर यात्रियों को उतारेगा। सुबह नौ बजे तक 133 लोगों को केदारनाथ से एमआई एवं चिनूक एव छोटे हेलिकॉप्टर की मदद से सुरक्षित एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किए जा चुके हैं।

31 जुलाई को हुई अतिवृष्टि से केदारनाथ मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा है। गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक 16 किमी का मार्ग है, इसमें 10 जगह मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। लोक निर्माण विभाग की टीम मार्ग को खोलने में जुटी है। लोनिवि की रिपोर्ट के अनुसार जो स्थितियां हैं उनमें मार्ग को पूर्व की दशा में लाने में करीब एक महीने का समय लग सकता है।

Advertisement

वहीं, सेना ने मोर्चा संभालते हुए मंदाकिनी नदी पर अस्थायी ट्राली स्थापित कर दी है। साथ ही वैकल्पिक पुल का निर्माण भी शुरू कर दिया है। गौरीकुंड में घोड़ा पड़ाव के पास लगभग 15 मीटर लंबाई में रास्ता पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां पर लोनिवि श्रमिक वैकल्पिक मार्ग स्थापित करने में जुटे हैं।

गौरीकुंड से छोड़ी तक मार्ग पर बोल्डर आने से कुछ जगह आंशिक और कुछ जगह काफी नुकसान हुआ है। छोड़ी से चीरबासा में मलबा आया है, चीरबासा के पास सड़क नष्ट हो गई है। भैरव मंदिर के पास छह मीटर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। जंगल चट्टी में दो स्थान पर मार्ग पूरी तरह नष्ट हो गया है, यहां भी लोनिवि की टीम मार्ग को ठीक कर रही है। महादेव फॉल से भीमबली तक कुछ स्थान पर बोल्डर आने से आंशिक रूप से बाधित हुआ है।

भीमबली से रामबाड़ा तक मार्ग चार स्थान, रामबाड़ा से लिनचोली तक पांच स्थानों पर मार्ग पूरी तरह टूट गया है, दोनों जगह लोनिवि की टीम वैकल्पिक मार्ग बनाने में जुटी है। टीएफ प्वाइंट में भी मार्ग पूरी तरह टूट गया है। यहां पर 25 श्रमिक वैकल्पिक मार्ग बनाने में जुटे हैं। कुबेर ग्लेशियर में भी मार्ग लगभग पूरी तरह टूट गया है। यहां भी वैकल्पिक मार्ग बनाने को लेकर कार्य हो रहा है।

गौरीकुंड से सोनप्रयाग मार्ग को भी नुकसान पहुंचा है। इस मार्ग को ठीक करने की कोशिश में एनएच जुटा है। दूसरी तरफ मशीन पहुंचाने के लिए वैकल्पिक मार्ग समेत अन्य विकल्पों को भी देखा जा रहा है। लोनिवि ने जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें कहा गया है कि मार्ग को खोलने के लिए कई जगह कटिंग का काम हो गया है। पर जो फिलहाल स्थितियां हैं, उसमें एक अनुमान के हिसाब से पूर्व की दशा में मार्ग को लाने में एक महीने तक का समय लग सकता है।

डॉग स्क्वॉड की मदद से सर्च अभियान शुरू

केदारघाटी में व्यवस्थाएं सुधारने को सेना के जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। रविवार को 6-ग्रेनिडियर यूनिट के सीओ कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना की एक टुकड़ी सोनप्रयाग पहुंच गई। जिसने मंदाकिनी नदी पर अस्थायी ट्राली स्थापित करने के साथ ही वैकल्पिक पुल का निर्माण शुरू कर दिया है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर अब सेना ने भी सर्च अभियान शुरू कर दिया है। सेना की टीम डॉग स्क्वॉड की मदद से अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्र में बोल्डर, मलबा व जंगल में खोजबीन कर रही है। चर्चा थी कि अतिवृष्टि के दौरान कुछ लोग जंगल की तरफ भागे थे, आशंका है कि इनमें से कुछ रास्ता भटक गए।

अब तक 10374 को रेस्क्यू किया

अतिवृष्टि से प्रभावित विभिन्न स्थानों के साथ ही केदारनाथ से रविवार को 1275 यात्री व स्थानीय लोगों का पैदल और हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया है। चार दिन में अब तक कुल 10374 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। रविवार को खराब मौसम के कारण सेना का एमआई-17 व चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके। सोमवार को भी केदारनाथ से यात्रियों का रेस्क्यू किया जाएगा।

Advertisement


Advertisement
×