अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल का 17 अक्टूबर को होगा आगाज
✍️ सांस्कृतिक नगरी के ऐतिहासिक मल्ला महल में फेस्टिवल की तैयारियां तेज
✍️ सांस्कृतिक एवं साहित्यिक विरासत को विश्व पटल पर लाने का प्रयास
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी में गत वर्ष की भांति इस बार भी द्वितीय अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। इस तीन दिवसीय फेस्टिवल का आगाज आगामी 17 अक्टूबर को पूर्वाह्न 11 बजे होगा। अल्मोड़ा के ऐतिहासिक मल्ला महल में यह फेस्टिवल 19 अक्टूबर तक चलेगा। फेस्टिवल की आयोजक संस्था ग्रीन हिल्स ट्रस्ट की सचिव एवं फेस्टिवल समिति की अध्यक्ष डा. वसुधा पंत ने आज मल्ला महल में प्रेसवार्ता आयोजित कर इसकी तैयारियों व कार्यक्रमों की रुपरेखा प्रस्तुत की और कहा कि फेस्टिवल का लक्ष्य अल्मोड़ा की सांस्कृतिक एवं साहित्यिक विरासत को विश्व परिदृश्य में लाना है।
फेस्टिवल की तैयारियां कई रोज से जोरशोर से चल रहीे हैं और अब तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा रहा है। प्रेसवार्ता में लिटरेचर फेस्टिवल समिति की अध्यक्ष डॉ वसुधा पंत ने पत्रकारों से फेस्टिवल के कार्यक्रम की रूपरेखा साझा की। उन्होंने बताया कि इस फेस्टिवल में देश—विदेश से साहित्यिक एवं सांस्कृतिक हस्तियां शिरकत करेंगी और अल्मोड़ा की सांस्कृतिक व साहित्यिक विरासत को विश्व पटल पर रखने का प्रयास होगा।उन्होंने बताया कि प्रथम दिवस में वैश्विक जल संकट, महान साहित्यकार शेखर जोशी और पहाड़ों में फ़िल्म मेकिंग से जुड़ी चर्चा खास रहेगी। इनके अलावा सर्वजीत टम्टा के नेतृत्व में अल्मोड़ा से उभरे माहिर कला समूह 'हिमाली मौ' और 'रहमत—ए—नुसरत' सुबह—शाम अपना रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। प्रमुख युवा कवि हर्ष कफ़र अल्मोड़ा के प्रतिभाशाली रचनात्मक युवाओं के लिए ओपन माइक की मेज़बानी करेंगे। इस महोत्सव में बच्चों के लिए भी कई कार्यक्रम व कार्यशालाएं रखीं गई हैं। इस मौके पर इतिहास को बयां करती फोटो प्रदर्शनी भी लगेगी और फोटोग्राफी से संबंधित कार्यशाला भी होगी।
डॉ. वसुधा पंत ने बताया कि इस फेस्टिवल के माध्यम से अल्मोड़ा शहर की अर्थव्यवस्था को एक नयी ऊर्जा और पहचान मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल में होने वाली चर्चाओं के माध्यम से अल्मोड़ा की आर्थिक छवि का भी संवर्धन करना और यहां निवेश बढ़ाने का भी प्रयास होगा। उन्होंने बताया कि ग्रीन हिल्स ट्रस्ट को इस आयोजन में अनकमोंसेंसेंस फिल्म्स, ज़िला प्रशासन, उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग, द लर्निंग सर्किल, कुमाउं खंड, अल्मोड़ा किताब घर, अल्मोड़ा होटल एसोसिएशन, कसारदेवी होटल एसोसिएशन व स्टूडियो बार्दो द्वार सहयोग प्रदान किया जा रहा है और प्लम्बर बाथवेयर इसका मुख्य प्रायोजक है। इस प्रेसवार्ता में डॉ. वसुधा पंत के साथ फेस्टिवल के संयोजक विनायक पंत, रचनात्मक निदेशक आशुतोष जोशी, आयोजक समिति सदस्य डॉ. दीपा गुप्ता, भूपेन्द्र वल्दिया, जयमित्र बिष्ट, अनुराग कुमार, मनोज गुप्ता आदि भी मौजूद रहे।
महोत्सव के मुख्य आकर्षण
👉 30 से अधिक सत्रों में देशभर के प्रख्यात लेखकों, पर्यावरणविदों व इतिहासकारों के साथ चर्चाएं।
👉 विविध अहम् विषयों पर चर्चा के साथ भविष्य की दुनिया व नवीन विचारों की खोज।
👉 अद्भुत कहानियां, प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर पर बेहतरीन कला व फोटोग्राफी प्रदशर्नियां।
👉 10 से अधिक लेखन, कला, संरक्षण, ऐपण व फोटोग्राफी आदि पर 10 से अधिक कार्यशालाएं तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम।