उपलब्धि: अब जम्मू में भी उगेंगे विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा के विकसित बीज
— शेर—ए—कश्मीर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि जम्मू के साथ करार
चन्दन नेगी, अल्मोड़ा: उन्नत एवं प्रगतिशील कृषि के क्षेत्र में कार्य कर रहे उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा स्थित विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुंसधान संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न उन्नत बीजों का उत्पादन अब जम्मू में होगा। इसके लिए इस कृषि संस्थान एवं कश्मीर कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बीच अनुबन्ध हो गया है। इस अनुबन्ध से लाभ जम्मू-कश्मीर के काश्तकारों को मिलेगा।
यह जानकारी विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा के निदेशक लक्ष्मीकान्त ने दी है। उन्होंने बताया कि बीते वर्षों के दौरान जन जातीय उप योजना के तहत विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने विभिन्न प्रजातियों के गेहूं, मक्का, धान, सोयाबीन आदि फसलों का शेर-ए-कश्मीर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जम्मू में इन फसलों का उत्पादन परीक्षण के तौर पर किया। इसमें प्रयोग में पाया कि वहां प्रचलित प्रजातियों की तुलना में इन फसलों की उपज 25 से 38 प्रतिशत अधिक प्राप्त हुई। इस उत्साहजनक परिणाम के बाद शेर—ए—कश्मीर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जम्मू ने इन प्रजातियों का बीज अपने क्षेत्र में उगाने में रूचि दिखाई। तत्पश्चात बीते दिनों दोनों संस्थानों के बीच समझौते की औपचारिकता पूरी कर ली गई है। इस अनुबन्ध के बाद अब अल्मोड़ा में विकसित फसल प्रजातियों के बीजों का उत्पादन जम्मू में हो सकेगा।
निदेशक ने बताया कि विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की इस उपलब्धि पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने संस्थान के वैज्ञानिकों एवं सहयोगी कर्मियों को शुभकामनाएं दी हैं तथा आशा व्यक्त की है कि इस संस्थान के अनुसंधानों का विस्तार देश के अन्य प्रान्तों में भी होगा और देश के किसानों का आर्थिक विकास होगा।