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अल्मोड़ा: लाइफ लाइन के स्थाई समाधान तक वैकल्पिक मार्ग बेहद जरुरी

08:00 PM Nov 19, 2024 IST | CNE DESK
अल्मोड़ा  लाइफ लाइन के स्थाई समाधान तक वैकल्पिक मार्ग बेहद जरुरी
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✍️ क्वारब संकट: एकजुट हुए तमाम संगठनों के लोग, सर्वदलीय बैठक हुई
✍️ जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होने पर जताई गहरी​ चिंता, सुझाव रखे

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सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: अल्मोड़ा—हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग (पहाड़ की लाइफ लाइन) पर क्वारब पर पहाड़ी दरकने से आवागमन में उत्पन्न गंभीर संकट के मुद्दे पर आज यहां राजनैतिक व सामाजिक संगठनों के लोग तथा गणमान्य नागरिक एकजुट हुए और नगर निगम सभागार में सर्वदलीय बैठक हुई। यह बैठक निवर्तमान पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी की पहल पर हुई। जिसमें वक्ताओं ने इस संकट से तीन पर्वतीय जिलों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होने पर गंभीर चिंता जताई। उत्पन्न समस्याओं का उल्लेख करते हुए वक्ताओं ने समाधान के लिए कई सुझाव रखे। जिसमें समस्या का स्थाई समाधान होने तक अविलंब वैकल्पिक मार्ग तैयार करने पर खासा जोर दिया गया।

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विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि उनकी विभागीय अधिकारियों से लगातार वार्ता चल रही है और वह सदैव जनता के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि क्वारब का स्थाई समाधान जरुरी है, लेकिन वैकल्पिक राह भी जरुरी है। पद्मश्री ललित पाण्ड़े ने कहा कि विकास के इस दौर में पुन: अग्रेजों के जमाने की रानीखेत रोड काम आ रही है और आज एक पहाड़ी उत्पन्न संकट का हल निकालना चुनौती सी बना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए निवर्तमान पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा कि यह समस्या एक सामाजिक समस्या है, इसंमें दलगत राजनीति का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सड़क पहाड़ की लाइफ लाइन है। ऐसे में जनहित को देखते हुए अविलंब वैकल्पिक मार्ग तैयार करना जरुरी है, क्योंकि क्वारब में जो खतरनाक स्थिति बनी है, उसके स्थाई समाधान में लंबा वक्त लगना तय है। बैठक में तमाम लोगोंने अपने विचार रखते हुए सड़क अवरुद्ध होने से अल्मोड़ा, बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिलों में आवागमन व सामग्री की सप्लाई में हो रही भारी परेशानियों का उल्लेख किया और सुझाव दिये।

वक्ताओं ने पहाड़ी से उत्पन्न संकट व खतरे के स्थायी समाधान होने तक अविलंब एक वैली पुल या वैकल्पिक मार्ग तैयार करने पर खासा जोर दिया गया। वक्ताओं ने कहा कि पहाड़ी से हो भूस्खलन वाले क्षेत्र को छोड़कर उसी के पास से प्राथमिकता के आधार पर एक वैली पुल का निर्माण किया जाय। यह भी कहा कि यदि एनएच वैली पुल नहीं बनाता, तो बीआरओ को यह काम सौंपा जाय। लोगों ने यह सुझाव भी दिया कि तत्काल अल्मोड़ा—डोबा—काकड़ीघाट मार्ग को तंदरुस्त कर उसे वैकल्पिक मार्ग के रुप में इस्तेमाल किया जाए। इसके अलावा क्वारब पर हनुमान मंदिर के नीचे लोगों के आरपार जाने के लिए पैदल राह प्रदान की जाए। यह मांग भी उठाई गई कि इस सड़क की स्थिति को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों व विशेषज्ञो के माध्यम से मल्ला महल मे एक जन सुनवाई कराई जाए। वक्ताओं ने कहा कि सड़क के प्रभावित होने से महज अल्मोड़ा ही नहीं अपितु बागेश्वर व पिथौरागढ़ जनपद के लोगों के भी हित प्रभावित हो रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि वाहनों को कई किमी लंबा फेरा घूमकर आना पड़ रहा है और इसका असर किराया भाड़ा समेत सब्जियों व अन्य चीजों के दाम बढ़ गए हैं। साथ ही आवागमन में अतिरिक्त काफी समय खर्च हो रहा है। तय हुआ कि इन सुझावों को प्रशासन तक पहुंचाया जाएगा।

सर्वदलीय बैठक में डे केयर व पेन्शनर्स एसोसियेशन के अध्यक्ष हेम चंद्र जोशी, पूर्व सैनिक लीग के दिनेश चन्द्र तिवारी, प्रेस क्लब के रमेश जोशी, रेडक्रास के चेयरमैन मनोज सनवाल, अर्धसैनिक संगठन से मनोहर सिंह नेगी, बार एसोसियेशन के अध्यक्ष महेश परिहार, महिला समिति की मन्जू पन्त, सीपीआईएम की ओर से युसुफ तिवारी, आप पार्टी के राजेन्द्र अधिकारी, पूर्व पालिकाध्यक्ष शोभा जोशी, आनन्द सिंह बगडवाल, जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष लखचौरा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष भूपेंद्र भोज, पूर्व छात्र नेता राजेन्द्र बोरा, वैभव जोशी, भारत पाण्डेय, नूर खान, महेश चन्द्र, हरीश कनवाल आदि ने विचार रखे। इस बैठक में गीता मेहरा, अशोक पाण्ड़ेय, विपिन जोशी, पूरन सिंह मेहता, सुरेन्द्र सिंह बिष्ट, संजय पाण्डे, हाजी नूर खान, केबी पाण्डेय, राजेश शर्मा, सनम दुर्गापाल, नारायण दत्त पाण्डे, राधा बिष्ट, जेसी दुर्गापाल, अनीता बजाज आदि कई लोग मौजूद रहे।

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