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हाईकोर्ट की बैंच ऋषिकेश ले जाने खिलाफ उतरी अल्मोड़ा बार एसोसिएशन

08:43 PM May 10, 2024 IST | CNE DESK
हाईकोर्ट की बैंच ऋषिकेश ले जाने खिलाफ उतरी अल्मोड़ा बार एसोसिएशन
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✍️ अधिवक्ता बोले— पर्वतीय क्षेत्र के खिलाफ साजिश सफल नहीं होने दी जाएगी
✍️ भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बोले—ऐसे निर्णय से उपजेंगे विवाद

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सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: बार एसोसिएशन अल्मोड़ा उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल की बैंच को ऋषिकेश स्थापित करने की सुगबुगाहट से नाखुश हो चली है। एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। एसोसिशन ने कहा है कि यह पहले हाईकोर्ट की एक बैंच और फिर संपूर्ण हाईकोर्ट को नैनीताल से ऋषिकेश ले जाने की साजिश रची जा रही है, जिसे किसी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा।

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जिला बार एसोसिएशन अल्मोड़ा के पदाधिकारियों व अधिवक्ताओं की एक बैठक में हाईकोर्ट की एक बैंच को ऋषिकेश ले जाने के मसले पर चर्चा हुई। जिसमें एक स्वर से बैंच को ​ऋषिकेश ले जाने का पुरजोर विरोध किया गया और इसे पर्वतीय क्षेत्र के प्रति बड़ी साजिश बताया। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि पहले हाईकोर्ट को हल्द्वानी के गौलापार या रामनगर आदि स्थानों पर स्थापित करने की कार्रवाई चल रही थी। यहीं नहीं इसे एचएमटी परिसर रानीबाग व अल्मोड़ा के हवालबाग में स्थापित करने की भी मांग उठी। अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि हाईकोर्ट राजधानी के साथ ही स्थापित करना है, तो पहले राज्य की स्थाई राजधानी गैरसैंण में स्थापित हो। बैठक में उपस्थित सभी अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट की बैंच को ऋषिकेश ले जाने का पुरजोर विरोध किया।

विरोध जताने वालों में बार के अध्यक्ष महेश सिंह परिहार, पूर्व अध्यक्ष चामू सिंह गस्याल, रमेश नेगी, भानु प्रकाश तिलारा, गिरीश चंद्र फुलारा, गिरीश पंत, आरसी उपाध्याय, हरेंद्र प्रताप​ नेगी, महेश चंद्रा, गजेंद्र सिंह मेहता, भगवती प्रसाद पंत, रोहित कार्की, राजेश आर्या, सुनील कुमार, कृष्णा बाराकोटी, संजय विद्यार्थी, भगवत मेर, मुरलीमनोहर भट्ट, विभा पांडे, निर्मला तिवारी, बीना नेगी, सुनीता पांडे, मोहन बिष्ट, धनंजय साह, दीपेंद्र परिहार आदि कई अधिवक्ता शामिल हैं।
जनप्रतिनिधि मसले पर तोड़ें चुप्पी: विपिन भट्ट

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अल्मोड़ा: भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष​ विपिन भट्ट ने नैनीताल स्थित हाईकोर्ट की बैंच को ऋषिकेश स्थापित किए जाने के निर्णय का विरोध करते हुए कहा है कि इस मामले पर सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और जनप्रतिनिधियों को भी इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। श्री भट्ट ने यहां जारी बयान में कहा कि बैंच ऋषिकेश स्थापित करने के निर्णय से कई विवादों का जन्म हो रहा है। उत्तराखंड की जनता ने गैरसैंण स्थाई राजधानी स्थानांतरित करने की मांग की थी। इस मांग पर कार्यवाही करते हुए देहरादून स्थित कार्यालयों को भी गैरसैंण स्थानांतरित करना चाहिए, सिर्फ हाईकोर्ट की बैंच को नहीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के संघर्ष में सभी उत्तराखंडवासियों का बड़ा एकजुट प्रयास रहा है। कुछ गैर राजनैतिक संगठन पर्दे के पीछे से उत्तराखंड में ऐसा विवाद खड़ा कर उत्तराखंड की एकजुटता को तार—तार करने का षडयंत्र रच रहे हैं। श्री भट्ट ने कहा है कि सभी राजनैतिक दलों को इस मामले पर आगे आकर पहल करनी चाहिए। पहले ये विचार होना चाहिए कि ऐसे निर्णयों से दूरगामी परिणाम क्या होंगे।

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