EducationHealthCovid-19Job Alert
Uttarakhand | Tehri GarhwalRudraprayagPithoragarhPauri GarhwalHaridwarChampawatChamoliUdham Singh NagarUttarkashi
AccidentCrimeUttar PradeshHome

अल्मोड़ा: कर्मयोगी स्व. सोबन सिंह जीना का समाजोत्थान में बड़ा योगदान

09:30 PM Aug 03, 2024 IST | CNE DESK
Advertisement

✍️ जयंती कार्यक्रमों की श्रृंखला में 'सोबन सिंह जीना: कृतित्व एवं व्यक्तित्व' विषयक गोष्ठी

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: कर्मयोगी महापुरुष स्व. सोबन सिंह जीना की 116वीं जयंती कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा के गणित सभागार में एक विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। 'सोबन सिंह जीना: कृतित्व एवं व्यक्तित्व' विषयक इस गोष्ठी में वक्ताओं ने उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा वह बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे और उन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा समाजोत्थान में लगा दिया।

Advertisement

सर्वप्रथम अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर और स्व. जीना के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए गोष्ठी का शुभारंभ किया। वहीं संगीत के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना व स्वागत गीत की प्रस्तुति दी। गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एवं कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि स्व. सोबन सिंह जीना बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे और इसी व्यक्तित्व उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान किया। उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा समाज के उन्नयन में लगाया। उन्होंने कहा कि ऐसे महापुरुष के जीवन से सीख लेकर आगे बढ़ने की जरुरत है। विशिष्ट अतिथि रूप में पूर्व कुलपति एवं कला संकायाध्यक्ष प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने सोबन सिंह जीना के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सोबन सिंह जीना छोटे से गांव सुनौली में साधारण कृषक परिवार में जन्मे और सन् 1909 के दौर में पहाड़ की सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक परिस्थितियां बहुत कठिन थी। ऐसे दौर में उन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण कर वकालत की और पर्वतीय क्षेत्र की सेवा की। उन्होंने कहा स्व. जीना ने अल्मोड़ा को कर्मक्षेत्र चुना और समाज के प्रति समर्पित रहे। वकालत के साथ समाजोत्थान के कार्य किए और शिक्षा की अलख जलाई।

Advertisement

अध्यक्षता करते हुए परिसर निदेशक प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट ने कहा स्व. जीना का पर्वतीय क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। हमें उनके व्यक्तित्व से सीख लेकर काम करने की जरूरत है। प्रो. विद्याधर सिंह नेगी ने कहा कि स्व. सोबन सिंह जीना जैसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी महानायकों को जानना चाहिए। संचालन करते हुए डॉ. चंद्र प्रकाश फुलोरिया ने स्व. सोबन सिंह जीना के व्यक्तित्व और उनके योगदानों पर प्रकाश डाला एवं रूपरेखा प्रस्तुत की। इस मौके पर हिमांशु जोशी, रश्मि आर्या, तनुजा, पंकज कुमार, मीनाक्षी आदि विद्यार्थियों ने भी बात रखी। गोष्ठी में बागेश्वर परिसर के निदेशक प्रो. गिरीश चन्द्र साह, प्रो. हरीश जोशी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजीव आर्या, कुलानुशासक डॉ. नंदन सिंह बिष्ट, डॉ. प्रीति आर्या, डॉ. एचआर कौशल, डॉ. रिज़वाना सिद्धिकी, डॉ. सबीहा नाज, डॉ. प्रतिभा फुलोरिया समेत बड़ी संख्या में कई शिक्षक, विद्यार्थी एवं कर्मचारी शामिल हुए।

Advertisement

Related News