सब्जी मंडी मे तब्दील अल्मोड़ा की लाला बाज़ार, खो रही अपना मूल स्वरूप
सीएनई रिपोर्टर अल्मोड़ा। नगर की ऐतिहासिक लाला बाज़ार की अपनी शान रही है। देश—विदेश से आने वाले अधिकांश पर्यटक इस ऐतिहासिक बाजार का भ्रमण जरूर करते हैं। दुर्भाग्य से वर्तमान में यह बाजार सब्जी विक्रेताओं के मनमाने अतिक्रमणों के चलते संकरी होती चली जा रही है। जहां—तहां लगे सब्जी विक्रेताओं के बैठने से यह बाज़ार सब्जी मंडी में तब्दील हो चुकी है।
राम सिंह धौनी ट्रस्ट ने इस समस्या की ओर पालिका व प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है। ट्रस्ट का कहना है कि मुख्यतः लाला बाजार सब्जी फल विक्रेताओं का केंद्र बन गया है, जबकी सभी शहरों मे सब्जी मंडी मुख्य बाज़ार से अलग स्थापित किया जाता है। इनके द्वारा आवाज लगाकर ग्राहको को आकर्षित किया जता है।
निर्धारित से ज्यादा जगह घेर रहे सब्जी विक्रेता
ट्रस्ट के सचिव भूपेंद्र नेगी ने बताया कि पालिका का कहना है कि 1 फिट 6 इंच समस्त विक्रेताओं को स्वीकृत है, लेकिन सब्जी विक्रेताओं द्वारा 5 फीट तक दुकान लगाई हुई है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट मांग करता है कि नियमों को शक्ति से लागू किया जाये।
ऐसे तो लाला बाज़ार खो देगी अपना मूल स्वरूप
ट्रस्ट के सचिव भूपेन्द्र नेगी ने बताया कि सब्जी विक्रेता काफी महंगी दरों पर दुकाने ले रखी हैं तथा अपना मुनाफा वसूलने के लिये आवाज लगाकर सामान बेचा जता है। जिस तरह से तेजी से लाला बाज़ार मे सब्जी फल की दुकाने और जमीन मे फढ़ की संख्या बढ़ रही है उससे लगता है कि लाला बाज़ार अपना मूल स्वरूप खो देगा।
उन्होंने कहा कि इसको लेकर पालिका, प्रशासन तथा पुलिस अधिकारियों को सख़्त से सख़्त कार्यवाही करनी चाहिए। कहा कि बारिश के मौसम मे इन दुकानों से मच्छर मख्खी का फैलाव होता है तथा मलेरिया डेंगू जेसी घाताक बिमारियो का जन्म भी होता है।