For the best experience, open
https://m.creativenewsexpress.com
on your mobile browser.
Advertisement

आतिशी ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, दिल्ली की सबसे युवा CM बनीं

05:22 PM Sep 21, 2024 IST | CNE DESK
आतिशी ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ  दिल्ली की सबसे युवा cm बनीं
Advertisement

दिल्ली की 17वीं मुख्यमंत्री आतिशी

नई दिल्ली | आतिशी ने शनिवार को दिल्ली की 17वीं मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राजनिवास में उन्हें एलजी विनय सक्सेना ने शपथ दिलाई। शपथ के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर छुए। वे ​​​​​दिल्ली की सबसे युवा और तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गईं। उनसे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित CM रह चुकी हैं। आतिशी के बाद सौरभ भारद्वाज. गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत ने मंत्री पद की शपथ ली। कैबिनेट में मुकेश अहलावत एकमात्र नया चेहरा हैं।

43 साल की आतिशी कालकाजी सीट से तीन बार की विधायक हैं। आतिशी दिल्ली की सबसे युवा CM होने का केजरीवाल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। आतिशी 43 साल की हैं, जबकि 2013 में पहली बार CM बनने के समय केजरीवाल 45 साल के थे। AAP विधायकों ने 17 सितंबर को केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी का नाम CM के रूप में फाइनल किया था। आतिशी के शपथ ग्रहण समारोह में आम आदमी पार्टी कन्वेनर अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और पंजाब CM भगवंत मान शामिल रहे।

Advertisement

CM आतिशी समेत कैबिनेट में ये 6 चेहरे ही क्यों

1- आतिशी: केजरीवाल और सिसोदिया की भरोसेमंद

केजरीवाल और सिसोदिया के जेल में रहते हुए पार्टी का मजबूती से स्टैंड रखती रहीं हैं। स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के लिए भी केजरीवाल ने आतिशी के नाम की सिफारिश की थी। 2013 के विधानसभा चुनावों के लिए आप का घोषणापत्र तैयार करने वाली समिति की प्रमुख सदस्य थीं। उसके बाद से ही पार्टी को विस्तार में अहम भूमिका निभाती रही हैं।

2. सौरभ भारद्वाज: पार्टी का मजबूती से पक्ष रखते हैं

2013 से विधायक और मंत्री हैं। केजरीवाल के भरोसेमंद नेता हैं। केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह के जेल में रहने के दौरान आतिशी के साथ भाजपा पर लगातार हमलावर रहे हैं। मनीष सिसोदिया के जेल जाने पर आतिशी के बाद महत्वपूर्ण मंत्रालय सौरभ को ही सौंपे गए।

3. गोपाल राय: वर्किंग क्लास कम्युनिटी के बीच अच्छी पकड़

2013 में पहली बार सत्ता में आने के बाद से AAP सरकार का हिस्सा रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। केजरीवाल के भरोसेमंद माने जाते हैं। दिल्ली की वर्किंग क्लास कम्युनिटी के बीच अच्छी पकड़ है। कई मौकों पर पार्टी के लिए संकट मोचक बनकर उभरे हैं। मौजूदा दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री हैं। मंत्री पद संभालने का लंबा अनुभव है।

4. कैलाश गहलोत: जाट परिवार से हैं, पॉलिटिकल​​​​​​ फंडिंग के लिए महत्वपूर्ण

LG विवेक सक्सेना के साथ अच्छे रिश्ते हैं। LG ने 15 अगस्त पर आतिशी की जगह झंडा फहराने के लिए गहलोत को चुना था। जाट परिवार से हैं। हरियाणा में जाट BJP से नाराज हैं। हरियाणा चुनाव में पार्टी उन्हें कैबिनेट से ड्रॉप नहीं करना चाहती। वे 2017 से लगातार परिवहन मंत्रालय संभाल रहे हैं। पॉलिटिकल फंडिंग के लिए भी AAP के लिए महत्वपूर्ण हैं।

5. इमरान हुसैन: अकेला मुस्लिम चेहरा, दिल्ली में करीब 11.7% मुस्लिम पॉपुलेशन

केजरीवाल की कैबिनेट में अकेले मुस्लिम चेहरा हैं, इसलिए आतिशी की कैबिनेट में भी पार्टी उन्हें रिटेन किया है। दिल्ली में करीब 11.7% मुस्लिम पॉपुलेशन है। 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी अल्पसंख्यक वोटबैंक पर पकड़ बनाए रखना चाहती है।

6. मुकेश अहलावत: दलित समुदाय से आते हैं, दिल्ली में 12% दलित पॉपुलेशन

दलित समुदाय से आने वाले मुकेश अहलावत ने राजकुमार आनंद की जगह ली। दिल्ली में 12% दलित पॉपुलेशन है। राजकुमार आनंद के BSP में जाने से AAP के दलित वोट बैंक में सेंध लगी है। पहली बार के विधायक अहलावत को मंत्री बनाकर पार्टी दलित वोटबैंक साधना चाहती है।

15 को केजरीवाल का इस्तीफा, 17 को आतिशी के नाम का ऐलान हुआ

दिल्ली शराब नीति मामले में जमानत मिलने के 2 दिन बाद 15 सितंबर को अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री मोदी के 74वें जन्मदिन यानी 17 सितंबर को केजरीवाल के इस्तीफे से पहले विधायक दल की बैठक में आतिशी को नया मुख्यमंत्री चुना गया। इसके बाद शाम करीब 5 बजे केजरीवाल ने LG को इस्तीफा सौंपा और आतिशी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।

2012 में AAP बनी, 2023 में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला

अन्ना आंदोलन के बाद 2 अक्टूबर 2012 को अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) बनाई। चुनाव आयोग ने 10 अप्रैल 2023 को उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया। किसी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करना जरूरी होता है। पार्टी दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में 6% से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है। दिल्ली के अलावा पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। पार्टी का संगठन हरियाणा और गुजरात में भी मजबूत है। पार्टी के लोकसभा में तीन जबकि राज्यसभा में 10 सांसद है। देश के अन्य राज्यों में भी AAP के कैडर एक्टिव हैं।

आतिशी 5 महीने से भी कम समय तक CM रहेंगी

दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म हो रहा है। इलेक्शन कमीशन मौजूदा सदन के पांच साल के कार्यकाल के खत्म होने की तारीख से पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराता है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 15(2) कहती है कि चुनाव की अधिसूचना विधानसभा के कार्यकाल के खत्म होने से 6 महीने से कम समय पहले नहीं की जा सकती है। इसका मतलब चुनाव आयोग को 5 महीने के अंदर दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराने ही होंगे। हालांकि, केजरीवाल ने इस्तीफे की घोषणा के समय कहा था कि वे दिल्ली में जल्दी चुनाव कराने की मांग करेंगे। उपराज्यपाल और चुनाव आयोग तैयार हुआ तो विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहले भी दिल्ली में चुनाव कराए जा सकते हैं। इस हिसाब से आतिशी 5 महीने से भी कम समय तक CM रहेंगी।

नैनीताल : दुष्कर्म के आरोपी मुकेश बोरा की अग्रिम जमानत नामंजूर

केदारनाथ धाम पैदल मार्ग पर भारी भू-धंसाव, यात्रा रुकी; पुलिस की अपील 'यात्री जहां हैं वहीं रुकें

Advertisement


Advertisement
×