बागेश्वर: शोध कार्यों को बढ़ायेगी नई शिक्षा नीति— जिलाधिकारी
✍️ डायट में परिवेशीय संसाधन आधारित कार्यशाला का शुभारंभ
✍️ 'स्वतंत्रता आंदोलन में बागेश्वर का योगदान' पुस्तिका विमोचित
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने मंगलवार को डायट में आयोजित परिवेशीय संसाधन आधारित अनुभवात्मक भौतिक पर राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बागेश्वर का योगदान पुस्तिका का भी विमोचन किया।
जिलाधिकारी ने कार्यशाला में सम्बोधित करते हुए कहा कि देश की नई शिक्षा नीति में रिसर्च को बढ़ावा देने का प्रयत्न किया गया है। उन्होंने कहा कि देश और सोसायटी के विकास के लिए रिसर्च महत्वपूर्ण है। रिसर्च से सोसायटी के विकास से आम आदमी का विकास निर्भर करता है और सोसायटी के विकास से ही आम आदमी का जीवन स्तर का उन्नयन कर सकता है। जिलाधिकारी ने कहा है कि परिवेशीय संसाधन आधारित अनुभवात्मक भौतिक पर आयोजित राष्टीय कार्यशाला का आयोजन जनपद में होना जनपद के लिए गौरव की बात है। इससे शिक्षकों व बच्चों को भौतिकी को आसानी से समझने का लाभ मिलेगा। कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप इस कार्यशाला से नए शोध में भी लाभ मिलेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि डायट में इस तरह की कार्यशाला आयोजित होना गौरव की बात है।
आईआईटी कानपुर के पूर्व प्रोफेसर एचसी वर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरकारी तंत्र औऱ विद्यालयों की रचना में शिक्षक अपरिहार्य होते है। देश और शिक्षा के क्षेत्र में जो कुछ भी करना होता है, बिना शिक्षकों के सम्भव नही है। उन्होंने अपने सम्बोधन में कई उदाहरण पेश करते हुए कहा कि हमें बच्चों को आनन्ददायक तरीके से पढ़ाने पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जॉय ऑफ लर्निंग एक ऐसा माध्यम है जिससे बच्चे किसी भी चीज को आसानी से समझ सकते है, तथा यह खुशी दीर्घकालिक खुशी होती है, वहीं उन्होंने जॉय ऑफ मार्क्स पर भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सौन,प्राचार्य मनोज कुमार पांडेय, प्रो.हेमवती नन्दन पांडेय, डॉ नरेंद्र सिंह सहित देश व प्रदेश के अन्य जिलों से आए हुए प्रवक्ता उपस्थित रहे।