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बृज का होली उत्सव...बसंत पंचमी से शुरू, देश-विदेश से 4 लाख भक्त पहुंचेंगे

11:41 AM Feb 14, 2024 IST | CNE DESK
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मथुरा | बसंत पंचमी पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में बुधवार को पुजारियों ने पहले भगवान के गालों पर गुलाल लगाया। इसके बाद प्रसादी गुलाल भक्तों पर डालकर बृज की होली महोत्सव का शुभारंभ किया।

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इस दौरान मंदिर में भगवान बांके बिहारी के जयघोष लगे। जमकर अबीर-गुलाल उड़े। वृंदावन के मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ा। सुबह 9 बजे तक ही करीब 50 हजार भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। अनुमान है कि आज यहां करीब 4 लाख भक्त पहुंचेंगे। ये होली उत्सव अब 40 दिन तक जारी रहेगा। रंगनाथ मंदिर की होली के साथ इसका समापन होगा।

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केसरिया मोहन भोग (हलवा) का लगाया विशेष भोग

बांके बिहारी जी मंदिर में बसंत पंचमी के दिन सर्वप्रथम बसंती वस्त्र आभूषण में सजे संवरे ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज की श्रृंगार सेवा के अंतर्गत गुलाल अर्पित किया गया। हुरियारे स्वरूप में दर्शन दे रहे आराध्य प्रभु के समक्ष पंच मेवा युक्त केसरिया मोहन भोग का विशेष भोग धराया गया।

बसंत पंचमी पर बांके बिहारी महाराज को सरसों के फूलों के गुथे हुए गुंजे (माला) धारण कराए गए। भगवान को विभिन्न प्रकार के दिव्यतम ऋतु आधारित पदार्थ सेवार्थ निवेदित किए गए तथा बसंत आगमन के पद सुनाए गए।

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मंदिर परिसर में हर तरफ उड़ा रंग गुलाल

बसंत पंचमी पर समूचे मंदिर परिसर को गेंदा, सरसों व अन्य सुंदर फूलों सहित गुब्बारे कपड़े इत्यादि से सजाया गया और सुगंधित इत्रों का छिड़काव किया गया। मंदिर के गर्भ गृह से भक्तों पर सेवायतों द्वारा बहुरंगी गुलाल की वर्षा की गई। पूरा मंदिर रंग बिरंगे गुलाल से रंग गया। भगवान का प्रसादी रंग गुलाल अपने ऊपर डलवाकर श्रद्धालु भी आनंद से झूम उठे और गाने लगे आज बृज में होली रे रसिया।

कुछ इस तरह रहेगा होली उत्सव

बसंत पंचमी से शुरू होने वाले होली उत्सव के बाद फाल्गुन सप्तमी तक मंदिरों में पुजारी भगवान को प्रतिदिन गुलाल लगाएंगे। इसके बाद सप्तमी यानी इस बार 17 मार्च को नंदगांव ने फाग निमंत्रण और बरसाना की प्रसिद्ध लड्डू होली खेली जाएगी।

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18 मार्च को बरसाना में विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली का आयोजन किया जाएगा। 19 मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली होगी तो 20 मार्च से श्री कृष्ण जन्मभूमि, वृंदावन में होली खेली जाएगी।

21 मार्च को गोकुल की छड़ी मार होली, 24 मार्च को होलिका दहन, 25 मार्च को धूल होली खेली जाएगी। इसके बाद 26 मार्च को बलदेव का प्रसिद्ध हुरंगा, 27 मार्च को बठैन का हुरंगा, 28 मार्च को महावन की होली और 1 अप्रैल को श्री रंगनाथ भगवान की होली के साथ बृज की होली का समापन हो जाएगा।

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