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नौकरी की तलाश में हल्द्वानी आया था, उतार दिया मौत के घाट

06:16 PM Feb 11, 2024 IST | CNE DESK
नौकरी की तलाश में हल्द्वानी आया था  उतार दिया मौत के घाट
नौकरी की तलाश में हल्द्वानी आया था, उपद्रवियों ने उतार दिया मौत के घाट
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बनभूलपुरा के रेलवे फाटक पर पड़ी मिली थी लाश, सिर पर मारी थी तीन गोलियां

बेबस मां पूछ रही, ''मेरे बेकसूर बेटे की क्यों ले ली जान''

सीएनई डेस्क। बिहार से एक 24 साल का युवक नौकरी की तलाश में उत्तराखंड के हल्द्वानी आया था, लेकिन परिजनों को उसकी मौत की ख़बर मिली। युवक के सिर के पीछे तीन गोली मार उसे रेलवे ट्रेक पर फेंक दिया गया था। ऐसे युवक को बेरहमी से मार दिया गया, जिसका इस बावल से कहीं दूर-दूर तक का लेना-देना तक नहीं था।

दरअसल, बिहार राज्य के आरा के सिन्हा ओपी क्षेत्र के छीनेगांव निवासी श्यामदेव सिंह का पुत्र प्रकाश कुमार (24 साल) नौकरी की तलाश में उत्तराखंड के हल्द्वानी गया था। इसी बीच जब प्रशासन की अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई चली तभी दंगा भड़क उठा। 08 फरवरी, 2024 की रात वह इस बावल की भेंट चढ़ गया। घटना के अगले रोज उसकी लाश बनभूलपुरा के रेलवे ट्रेक पर पड़ी मिली थी। उसके सिर के पीछे तीन गोलियां लगी थीं। बताया जा रहा है कि अज्ञात ने पहले उसे तीन गोली मारी, फिर रेलवे ट्रेक पर फेंक दिया था।

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हाल में हल्द्वानी आया था, घटना के बारे में था अंजान

घटना के बाद से मृतक के परिजनों में दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है। मृतक की बहन दीप्ति और नरगिस के अनुसार उनका भाई प्रकाश बहुत ही होनहार लड़का था। उसने बीए की पढ़ाई की थी। वह अपने सभी परिजनों का विशेष ध्यान रखता था। घर चलाने के लिए वह नौकरी की तलाश में उत्तराखंड गया था। गत 06 फरवरी को वह हल्द्वानी आया था। गत 08 फरवरी की रात 08 बजे अंतिम बार उसने अपने परिजनों से फोन पर बात की थी। अपने छोटे भाई आकाश को उसने अपनी कुशलक्षेम बताई थी। इसके बाद से उसका फोन लगना बंद हो गया।

पुलिस ने बिहार में परिजनों को दी सूचना

10 फरवरी की सुबह हल्द्वानी पुलिस का फोन बिहार में उसके परिजनों को आया। जिसमें पुलिस ने बताया कि प्रकाश के साथ एक दुर्घटना हो गई है। उसे अस्पताल भर्ती किया गया है। वह लोग जल्द से जल्द पहुंच जायें। जिसके बाद प्रकाश के बहनोई दिल्ली से नैनीताल आ गए। तब उन्होंने पाया कि प्रकाश की लाश सुशीला तिवारी अस्पताल में पड़ी है।

पांच बहनों का था इकलौता भाई

मृतक के परिजनों ने उत्तराखंड सरकार से इस हत्या की गहनता से जांच करने की मांग की है। परिजन यह समझ नहीं पा रहे कि एक निर्दोष युवक, जिसका इस पूरे बवाल से कोई लेना-देना नहीं था उसकी हत्या आखिर क्यों कर दी गई। इधर मृतक की मां का कहना है कि पांच बेटियों के बाद वह पैदा हुआ था। अपनी पांचों बहनों से वह बहुत लगाव रखता था। उसने कहा कि जब वह बिहार लौटेगा तो महंगे गिफ्ट लायेगा, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। हालांकि इस बात की जांच चल रही है कि प्रकाश को किसने मारा। इस बात के कोई सबूत नहीं मिल पाये हैं कि उसकी हत्या दंगाइयों ने की या किसी अन्य ने।

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