गरजे शिक्षक : निरस्त करो प्रधानाचार्य सीधी भर्ती प्रक्रिया, जोरदार प्रदर्शन
अनु. जा.जनजाति शि.एसो. नैनीताल प्रांतीय नेतृत्व का आह्वान
भर्ती प्रक्रिया में अनु. जाति व जनजाति को मिले उचित प्रतिनिधित्व
सीएनई रिपोर्टर, भीमताल/हल्द्वानी।प्रधानाचार्य सीधी भर्ती को निरस्त करने की मांग को लेकर शुक्रवार को यहां जोरदार प्रदर्शन हुआ। अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन नैनीताल ने प्रांतीय नेतृत्व के निर्देशानुसार मुख्य शिक्षा अधिकारी भीमताल नैनीताल के कार्यालय के बाहर शिक्षकों ने धरना—प्रदर्शन किया। जिसमें प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक के सैकड़ों शिक्षकों ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि एसोसिएशन की मुख्य मांग प्रधानाचार्य सीधी भर्ती सेवा नियमावली 2022 एवं सीधी भर्ती हेतु जारी भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किए जाने, प्रधानाचार्य की भर्ती को वरिष्ठता के आधार पर पूर्व की भांति करने व भर्ती प्रक्रिया में अनुसूचित जाति व जनजाति को उचित प्रतिनिधित्व देने की रही। जिला अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार टम्टा ने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया से अनेक शिक्षक जो अनेक वर्षों से अपनी सेवाओं का लाभ विभाग को दे रहे हैं वह वंचित हो जाएंगे और उनके अनुभवों का लाभ विभाग, सरकार व छात्र-छात्राओं को नहीं मिल पाएगा।
सेवा नियमावली को निरस्त करना जरूरी
महासचिव दीप दर्शन ने कहा कि वर्तमान प्रधानाचार्य सीधी भर्ती प्रक्रिया में अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग को आरक्षण प्रदान नहीं किया गया है, इसलिए प्रधानाचार्य भरती सेवा नियमावली 2022 को निरस्त किया जाना बहुत आवश्यक है। यह भर्ती प्रक्रिया वंचित वर्गों के प्रतिनिधित्व के अधिकार को समाप्त करती है।
अन्य वक्ताओं में रमेश चंद्रा, मनोज त्रिकोटी, प्रांतीय उपाध्यक्ष सुनीता आर्या, इंद्र कुमार आर्या, हेमचंद्र आदि वक्ताओं ने भी इस सीधी भर्ती को वर्षों से शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हजारों शिक्षकों को पदोन्नति से वंचित करने की साजिश बताया। अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन इकाई नैनीताल द्वारा एक ज्ञापन मुख्य शिक्षा अधिकारी पुष्कर लाल टम्टा जी के माध्यम से शासन को प्रेषित किया गया और शीघ्र ही इस नई भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की।
सभा का संचालन महासचिव दीप दर्शन ने किया। विरोध प्रदर्शन में दुर्गा प्रसाद, हरीश चंद्र, रवि शंकर, विपिन चंद्र, दयावंती आर्य, तेजपाल, अजय कुमार, लक्ष्मी नवाडी, ममता आर्य, निशा आर्य, अनिल कुमार, हेमंत कुमार, गिरीश बेरी, ममता आर्य, हीरा लाल आगरी, त्रिभुवन अग्रगामी, श्रीमती रीता टम्टा आदि सैकड़ो शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।