गरुड़: विभिन्न प्रांतों की कला संस्कृति रुबरु हुए बच्चे
✍️ जूहा रौल्याणा में नई शिक्षा नीति के तहत कौशल विकास कार्यशाला
सीएनई रिपोर्टर, गरुड़: राजकीय जूनियर हाईस्कूल रौल्याना में नई शिक्षा नीति पर आधारित कौशल विकास कार्यशाला आयोजित की गई। बच्चों ने विभिन्न राज्यों की कला संस्कृति को जाना। प्रधानाध्यापक नीरज पंत ने बताया कि 'डायट बागेश्वर' से प्रशिक्षित शिक्षक भाष्कर पंत के निर्देशन में 'संस्कृति हमारी शान' कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कपड़े की सीट में फेब्रिक रंगों से कुमांऊनी ऐपण, रंगोली, मधुबनी कैनवास, मिथिला आर्ट, वर्ली आर्ट आदि का निर्माण आर्कषक रहा। ऐपण एवं क्षेत्रीय विरासत, ज्ञानवर्धक परंपरा को आगामी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
नई शिक्षा नीति क्षेत्रीय कलाओं को जानने, समझने और अपनाने के लिए कौशल विकास मंच प्रदान करती है, जिसकी भूमिका रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण होती है। संदर्भदाता शिक्षक भाष्कर पंत ने कलाकारों को प्रेक्टिकल डिजाइन ट्रेनिंग देते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है। छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य अपनी संस्कृति और सभ्यता से रूबरू कराना और विभिन्न राज्यों की संस्कृति को समझकर उसके महत्व को जानना है। छात्र-छात्राओं ने पहली बार कपड़े में फेब्रिक रंगों का प्रयोग कर आकर्षक ऐपण, मधुबनी, मिथिला वर्ली पेन्टिंग और क्राफ्ट तैयार किये। सभी बच्चे उत्साहित थे। बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।इस दौरान दीपक पांडेय, एसएमसी अध्यक्ष मदन गिरी, सोनू गोस्वामी, मीरा गोस्वामी, हिमानी मेहरा, अंजली गोस्वामी, बबली गोस्वामी, सोना गोस्वामी, हरेंद्र गिरी आदि मौजूद थे।