डाना गोलू मंदिर, चितई गोलू देवता दर्शन के बाद यहां लगानी पड़ती है हाजिरी
जानिए, डाना गोलू मंदिर चितई की महिमा
अल्मोड़ा। उत्तराखंड के कुमाऊं में न्याय देव गोलू के कई मंदिर हैं, पर सबसे प्रसिद्ध है अल्मोड़ा के चितई में स्थित गोलू देवता मंदिर। यहां पर भक्त मनोकामना पूरी होने पर घंटियां बांधते हैं। न्याय व मनोकामना पूरी करने हेतु चिट्ठी व स्टांप पेपर पर अपनी बात रखते हैं। इसी मंदिर से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित डाना गोलू का मंदिर भी अपार श्रद्धा का केंद्र है।
भक्त की सहायता करते हैं डाना गोलू
सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के मुख्य शहर से तकरीबन 12 किलोमीटर की दूरी पर डाना गोलू देवता का मंदिर स्थित है। चितई में गोलू देवता के दर्शन के बाद डाना गोलू देवता में हाजिरी लगाने की परंपरा है। मान्यता है कि डाना गोलू चितई के ग्वल देवता से भक्त की सहायता करने की सिफारिश भी करते हैं। यही कारण है कि चितई मंदिर में गोलू देवता के दरबार में अर्जी लगाने के बाद लोग डाना गोलू भी अवश्य पहुंचते हैं ताकि डाना गोलू चितई ग्वेल को लगाई गई अर्जी का एक बार पुन: स्मरण करा दें।
भटके हुए लोगों को दिखाते हैं सही मार्ग
यह भी मान्यता है कि जब कोई रास्ता भटक जाता है, तो डाना गोलू स्वयं उसे रास्ता दिखाते हैं तथा जंगली जानवरों से भी लोगों की रक्षा करते हैं। यहां मंदिर में देवता को खिचड़ी के साथ-साथ बीड़ी चढ़ाने का भी रिवाज है। दरअसल यह बीड़ी डाना गोलू देवता के लिए नहीं बल्कि उनके गणों के लिए होती है।
डाना गोलू देवता मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको दो रास्ते मिलते हैं। पहला अल्मोड़ा के एनटीडी से होते हुए आप यहां पहुंच सकते हैं। दूसरा रास्ता धारानौला से होते हुए इस मंदिर तक आपको पहुंचाता है। बता दें कि डाना गोलू देवता का मंदिर चितई मंदिर से करीब 100 मीटर पहले पड़ता है।