EducationHealthCovid-19Job Alert
Uttarakhand | Tehri GarhwalRudraprayagPithoragarhPauri GarhwalHaridwarChampawatChamoliUdham Singh NagarUttarkashi
AccidentCrimeUttar PradeshHome

देहरादून से बालाजी दर्शन को गया परिवार, धर्मशाला में मिले सभी 4 लोगों के शव

03:31 PM Jan 15, 2025 IST | CNE DESK
Advertisement

देहरादून | मंगलवार को जब पूरा देश मकर संक्रांति का पर्व मना रहा था, तो राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बाजालीज क्षेत्र में उत्तराखंड के 4 श्रद्धालुओं के शव मिलने से हड़कंप मच गया था। ये सभी लोग एक ही परिवार के थे। चारों की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने राजस्थान से लेकर उत्तराखंड तक सनसनी फैला दी थी।

Advertisement

दरअसल देहरादून से राजस्थान स्थित मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करने गए एक ही परिवार के चार सदस्यों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतकों में दंपती और उनके पुत्र व पुत्री शामिल हैं। चारों 11 जनवरी को देहरादून से बालाजी के दर्शन को गए थे। पिता और बेटा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में नौकरी करते थे। मृतकों में दंपति, बेटा और विवाहित बेटी शामिल हैं। चारों के शव मेंहदीपुर की धर्मशाला के कमरे में मिले। घटना की जांच जारी है, प्रथम दृष्टया राजस्थान पुलिस इसे सामूहिक आत्महत्या मान रही है।

Advertisement

उधर सीसीटीवी फुटेज के अनुसार सुरेंद्र के परिवार के चारों सदस्यों ने मंगलवार सुबह यानी मकर संक्रांति के दिन बालाजी महाराज के दर्शन कर लिए थे। सुबह 8 बजे वो बालाजी के दर्शन करके धर्मशाला लौट आए थे।

देहरादून पुलिस ने क्या कहा: दून पुलिस के अनुसार- रायपुर स्थित बांगखाला चकतुनवाला निवासी 58 वर्षीय सुरेंद्र कुमार उपाध्याय, उनकी पत्नी 55 वर्षीय कमलेश, 33 वर्षीय बेटा नितिन कुमार और 32 वर्षीय बेटी नीलम 11 जनवरी को देहरादून से ट्रेन में बैठकर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेंहदीपुर बालाजी के दर्शन करने के लिए गए थे। चारों मेहंदीपुर की रामकृष्ण धर्मशाला में कमरा नंबर 119 में ठहरे थे।

Advertisement

एसपी सिटी ने क्या कहा: देहरादून के एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने बताया कि- 'सुरेंद्र कुमार उपाध्याय ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में चालक थे। उनका बेटा नितिन भी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का कर्मचारी था। राजस्थान पुलिस से सूचना मिलने के बाद रायपुर पुलिस को उनके बांगखाला चकतुनवाला स्थिति आवास पर भेजा गया। लेकिन मकान पर ताला लगा हुआ था। साथ ही रिश्तेदारों की तलाश की गई तो पता चला कि सुरेंद्र कुमार के भाई महेंद्र कुमार मोहकमपुर में रहते हैं। उन्हें भी घटना की सूचना दी गई। सूचना के बाद वह भी राजस्थान के लिए रवाना हुए। हम राजस्थान पुलिस के संपर्क में हैं। फिलहाल इस घटना की जांच चल रही है।'

राजस्थान पुलिस मान रही सामूहिक आत्महत्या

14 जनवरी शाम को कर्मचारी सफाई करने कमरे में पहुंचा था। उसने देखा कि कमरे में दो लोग अचेत अवस्था में बेड पर और दो जमीन पर पड़े थे। सफाई कर्मचारी ने तत्काल इसकी सूचना रामकृष्ण धर्मशाला के प्रबंधकों को इसकी जानकारी दी। धर्मशाला प्रबंधकों ने राजस्थान पुलिस को घटना की सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर डॉक्टरों को बुलाया। डॉक्टरों ने जांच करने के बाद सभी को मृत घोषित कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार परिवार के कुछ सदस्यों के मुंह से झाग निकल रहा था। राजस्थान पुलिस इसे प्रथम दृष्टया सामूहिक आत्महत्या मान रही है।

Advertisement

कमलेश के भतीजे सुशील ने बताया कि- 'बुआजी ने घर में गाय पाल रखी है। गाय और घर की देखभाल के लिए बुआजी कमलेश और फूफाजी सुरेंद्र से मेरे पिता कैलाशचंद की मंगलवार सुबह 7 बजे बात हुई थी। इस दौरान उन्होंने गाय और घर की देखभाल करने की बात कही थी। जब पिता कैलाशचंद ने शाम करीब 7 बजे फोन किया तो, किसी ने फोन नहीं उठाया। इस दौरान देर शाम को पुलिस द्वारा धर्मशाला में उनके शव मिलने की सूचना मिली थी। जिसके चलते सुशील सहित सुरेंद्र का छोटा भाई मुकेश और बड़े भाई का बेटा मेहंदीपुर बालाजी के लिए रवाना हो गए।'

Related News