बागेश्वरः पेयजल निगम व जल संस्थान के एकीकरण व राजकीयकरण की मांग तेज
👉 जल निगम, जल संस्थान संयुक्त मोर्चा ने दिया दो घंटे धरना
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरः उत्तराखंड पेयजल निगम और उत्तराखंड जलसंस्थान का एकीकरण, राजकीयकरण की मांग तेज हो गई है। कर्मचारियों ने बुधवार को दूसरे दिन भी दो घंटे का धरना दिया। मांग पूरी नहीं होने पर 27 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।
जल निगम, जल संस्थान संयुक्त मोर्चा ने जल निगम कार्यालय पर धरना दिया। अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त समन्वयक मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश सिंह राणा ने कहा कि पेयजल निगम और जलसंस्थान का एकीकरण नहीं हो सका है। यह मांग लंबे समय से शासन स्तर पर विचाराधीन है, जबकि देश के लगभग 24 राज्यों में पेयजल और सीवरेज व्यवस्था के लिए राजकीय एकीकृत विभाग स्थापित हैं। जबकि उत्तराखंड में पेयजल की बहुल व्यवस्था होने के कारण जहां एक ओर विभागों में आपसी सामंजस्य का अभाव है, वहीं आम जन मानस में भ्रम की स्थिति रहती है। पेयजल योजना के निर्माण, क्रियान्वयन, रखरखाव आदि के लिए वह दोनों विभाग से संपर्क करते हैं। कहा कि 1974 में पेयजल एवं स्वच्छता क लिए स्वायत्त शासन अभियंत्रण विभाग के नाम पर राजकीय विभाग था। इस दौरान चंदन सिंह दानू, मनोज खड़का, बिशन सिंह रौतेला, भोज राज पंत, नरेंद्र धामी, चंद्र प्रकाश कर्नाटक, जय शंकर सिंह, कमला देवी, बबीता, अंजलि नेगी, सुरेश चंद्र जोशी, पूरन चंद्र पांडे आदि उपस्थित थे।