बागेश्वर: विवाह की जगह दोनों पक्षों के बीच खड़ा हुआ विवाद
👉 एक साल पहले हुई थी मंगनी, अब थाने पहुंचा मामला
👉 थाने का घेराव किया और पुलिस से तीखी नोकझोक
👉 ऐसे मामलों में काउंसिलिंग जरूरी: पुलिस अधीक्षक
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: जिले के थाना कपकोट के गांव की एक बेटी का विवाह निर्धारित तिथि को होने के बजाय विवाद में पड़ गया। लड़की पक्ष की ओर से शादी की तिथि से दो दिन पूर्व ही लड़के पक्ष द्वारा दहेज मांगे जाने की तहरीर दे दी। इस पर पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच काउंसिलिंग कराने की बात की, तो बुधवार को लड़की के परिजन व ग्रामीणों का पारा चढ़ गया और उन्होंने कपकोट थाने का घेराव कर डाला और पुलिस से उनकी तीखी नोकझोंक हुई। उनका आरोप था कि तहरीर देने के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।
हुआ यूं कि गांव की एक बेटी की मंगनी करीब एक साल पहले हो गई थी और अब विवाह बीते 04 दिसंबर 2023 को होना था। उसकी बारात हल्द्वानी से आनी थी। मगर वर पक्ष की ओर से इससे पहले ही बारात कार्यक्रम मंदिर में कराने और फिर होटल आदि की मांग की गई। इसके अलावा आरोप है कि वर पक्ष ने गाड़ी, सोने का हार, अंगूठी और उपहार की डिमांड रख दी। लड़की के पिता ने इस पर पुलिस में तहरीर दे दी। जिसमें कहा कि उनकी बेटी की मंगनी भी एक वर्ष पहले हो गई थी। बारात आने के दो दिन पहले उनसे दहेज की मांग की गई। वह गरीब हैं और दहेज नहीं दे सकते हैं।
इधर लड़की के परिजनों व ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि तहरीर देने के बाद भी पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए टाल रही है और जबरन काउंसिलिंग की बात कर रही है। उनका कहना है कि जब विवाह ही नहीं हुआ, तो कांउसिलिंग का क्या औचित्य है। वह कपकोट थाने पहुंचे और उन्होंने पुलिस के विरुद्ध नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि दहेज उत्पीड़न के अलावा धोखाधड़ी, धन हानि, मानसिक उत्पीड़न का केस दर्ज किया जाना चाहिए था, मगर इसके बजाए मामला महिला हेल्पलाइन को हस्तांतरित किया गया है। यह आरोप भी लगाया कि केस वापस लेने को दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
तीन बार काउंसिलिंग जरूरी: एसपी
मामले में बागेश्वर के पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार ऐसे मामलों में तीन बार काउंसिलिंग होनी चाहिए और इसी क्रम में पुलिस गुरुवार यानी कल काउंसिलिंग कराने जा रही है। उसके बाद मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। ऐसे मामलों में सयंम बरतने की जरूरत रहती है। पुलिस ठोस कार्रवाई करेगी।