बागेश्वर: सांस्कृतिक विकास में काफी सहायक होते हैं मेले— दीपक रावत
✍️ पौराणिक उत्तरायणी महोत्सव का आगाज, कुमांऊ आयुक्त ने किया शुभारंभ
✍️ बागनाथ धाम से दिव्य ज्योति लखनऊ रवाना
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: कुमांऊ आयुक्त दीपक रावत ने कहा कि मेले संस्कृति के संवाहक होते हैं। संस्कृति के विकास में मेलों का काफी महत्व है तथा मेले संस्कृति के विकास में सहायक सिद्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरायणी मेला ऐतिहासिक, धार्मिक व व्यापार के दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने आयुक्त समेत सभी मेलार्थियों का स्वागत करते हुए मेलार्थियों से मेले को शांतिपूर्ण संपन्न कराने की अपील की।
कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने नुमाईश खेत में आयोजित उत्तरायणी मेले का दीप प्रज्वलन के साथ ही फीता काटकर विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने नुमाइश में लगे स्टालों का निरीक्षण किया तथा जानकारी प्राप्त की। मेलार्थियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेले हमारी संस्कृति के विकास में सहायक सिद्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा बागनाथ की भूमि में लगने वाला उत्तरायणी मेले का ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व के साथ ही व्यापारिक महत्व भी है। उन्होंने उत्तरायणी का दिन कुली बेगार प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने वाले बीडी पांडे को याद करने वाला भी बताया। उन्होंने युवाओं में बढ़ते नशे की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके उन्मूलन के लिए सभी को आगे आने की जरूरत है,सामाजिक जागरूकता से ही नशे को दूर किया जा सकता है। मेले के पुराने स्वरूप को बरकरार रखने के लिए मंडलायुक्त ने जनपदवासियों के साथ ही प्रशासन को बधाई दी। इस दौरान स्थानीय लोगों की फरमाईश पर मंडलायुक्त ने ‘‘झन दीया बौज्यू छाना बिलौरी,लागला बिलौरी का घामा’’ कुमाऊनी गीत गाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।
मेला संरक्षक/जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मेलार्थियों से मेले को शांतिपूर्ण संपन्न कराने में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि मेले को आकर्षक बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए गए हैं। सात दिन तक चलने वाले मेले में स्थानीय कलाकारों के साथ ही बाहरी क्षेत्र से कलाकारों को बुलाया गया है। पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर घोड़के ने कहा कि मेलार्थियों व व्यापारियों की सुरक्षा व सेवा के लिए पुलिस बल हमेशा तत्पर है। इस दौरान विभिन्न विद्यालयों के बच्चों द्वारा स्वागत गीत के साथ ही रंगारंग कार्यक्रमो की प्रस्तुतियां दी। साथ ही ताइक्वांडो व अन्य खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाडियों एवं स्वच्छता के प्रति जागरूता के लिए कुंदन प्रसाद व जागर गायिका कमला देवी को कुमाऊं कमिश्नर ने सम्मानित किया। इस दौरान अपर जिलाधिकारी एनएस नबियाल, मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, उपजिलाधिकारी व मेलाधिकारी मोनिका, नगर पालिका ईओ मोहम्मद यामीन, हयात सिंह परिहार, भुवन कांडपाल, रघुवीर दफौटी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ राजीव जोशी व जयंत भाकुनी द्वारा किया गया।
बागनाथ धाम से दिव्य ज्योति लखनऊ रवाना
बागेश्वर: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पर्वतीय महापरिषद की ओर से होने वाले उत्तरायणी कौतिक के लिए बागनाथ धाम से दिव्य ज्योति रवाना हो गई है। ज्योति से उत्तरायणी का वहां शुभारंभ होगा। इससे पूर्व महापरिषद के लोगों का यहां स्वागत किया गया। लखनऊ में पर्वतीय महापरिषद के उत्तरायणी कौतिक का आगाज बाबा बागनाथ के दरबार से ले जाई गई दिव्य ज्योति होता है। दिव्य ज्योति ले जाने के लिए लखनऊ से धर्माचार्य रविवार की शाम यहां पहुंचे। सोमवार को मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद शीशे से बने विशेष पात्र में दिव्य ज्योति ले जाई गई। लखनऊ में मेला समापन तक अखंड ज्योति जलती रहेगी। मेला समिति के पंकज कपिल तथा अमित अवस्थी ने बताया कि पिछले 18 वर्ष से लखनऊ में उत्तरायणी मेला आयोजित हो रहा है। ज्योति रवाना करते समय बागनाथ मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नंदन सिंह रावल, हेम जोशी, खीमानंद पंत आदि उपस्थित थे।