दुःखद खबर : हज से लौट रहे तीन बेटे और पिता समेत पांच की मौत
UP News | मुरादाबाद में सड़क हादसे में पिता और तीन बेटों समेत 5 लोगों की मौत हो गई। एक महिला और बच्ची घायल हो गई। गुरुवार को हज से लौटे पिता और तीन बेटों को रिसीव करने के लिए घर वाले दिल्ली एयरपोर्ट गए थे। पांचों लोगों को परिजन कार से लेकर गांव आ रहे थे। उनकी कार मूंढापांडे में पुल क्रॉस करते ही आगे चल रही कार से टकराकर डिवाइडर तोड़ते हुए दूसरी साइड जाकर पलट गई। इसी दौरान पीछे से आ रही रोडवेज बस ने कार को टक्कर मार दी। घटना नेशनल हाईवे पर मूंढापांडे थाना क्षेत्र की है। मरने वालों में पिता, 3 बेटे और ड्राइवर शामिल हैं।
पूरी कार चकनाचूर हो गई
हादसा इतना भीषण था कि पूरी कार चकनाचूर हो गई। कार सवार 7 लोगों में से 3 की मौके पर ही मौत हो गई। दो ने जिला अस्पताल रामपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने क्रेन की मदद से कार को हाईवे से हटवाया। शव कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमॉर्टम को भेज दिए हैं। एक घायल को मूंढापांडे सीएचसी में भर्ती कराया गया है। मरने वालों में हाजी अशरफ (68), उनके 3 बेटे नक्शे अली (40), आरिफ अली (22), इंतेखाब अली (19), कार ड्राइवर अहसान (35 ) हैं। ये सभी रामपुर जिले में स्वार कोतवाली क्षेत्र के गांव मुकरमपुर के रहने वाले हैं।
हज करके 2 कारों से लौट रहा था परिवार, सूचना पर पसरा मातम
रामपुर के स्वार थाना क्षेत्र में मुकर्रमपुर निवासी हाजी अशरफ अली अपने परिवार के साथ हज करने गए थे। गुरुवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट से 2 कारों से परिवार के लोग गांव लौट रहे थे। नेशनल हाईवे पर मूंढापांडे फ्लाईओवर को पार करते ही अचानक चालक को झपकी आ गई। इससे कार अनियंत्रित होकर आगे चल रही कार से टकराकर डिवाइडर तोड़ते हुए दूसरी साइड में पहुंच गई। इसी दौरान पीछे से आ रही रोडवेज बस ने कार को टक्कर मार दी। हादसे में कार चकनाचूर हो गई। ग्रामीण हज से लौट रहे लोगों के स्वागत की तैयारियों में जुटे थे। हादसे की सूचना पर मुकर्रमपुर और आसपास के गांवों में मातम पसर गया। लोग मूंढापांडे की ओर दौड़ पड़े।
पोस्टमॉर्टम नहीं कराने की जिद पर अड़े परिजन
हादसे के बाद परिजनों ने पुलिस से बिना पोस्टमॉर्टम के शव सुपुर्द करने की मांग की। कुछ लोगों ने शव ले जाने की कोशिश भी की। पुलिस ने समझा कर किसी तरह लोगों को शांत किया। परिजनों का कहना था कि वो शवों का पोस्टमॉर्टम कराना नहीं चाहते हैं। लेकिन पुलिस बिना पीएम के शव देने को तैयार नहीं थी। करीब घंटेभर की मशक्कत के बाद परिजन पोस्टमॉर्टम कराने को राजी हुए। इसके बाद शवों को पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।