बागेश्वर: सुमगढ़ हादसे की बरसी पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ऐठानी ने रखा उपवास
✍️ सरकार पर कपकोट के आपदा प्रभावित क्षेत्रों की सालों से उपेक्षा करने का आरोप
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने सरकार पर कपकोट क्षेत्र के आपदा प्रभावित गांवों की सालों से उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आज सुमगढ़ हादसे की बरसी पर एक दिन का उपवास किया। मालूम हो कि 18 अगस्त 2010 सुमगढ़ सरस्वती शिशु मंदिर में भारी बरसात के दौरान मलबा आने से 18 नौनिहालों की घटनास्थल पर ही अकाल मृत्यु हो गयी थी। इसी जगह पर उन्होंने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार उपवास किया।
इस दौरान ऐठानी ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र के गरीबों के लिए सरकार के आपदा के मानक नाकाफी हैं। आज सरकारी शौचालयों की लागत ही 5 लाख रुपये है, जबकि आपदा में ध्वस्त हुए मकान के लिए 1 लाख 30 हजार रुपये ही दिये जाते हैं, जिससे मलबा तक निस्तारित नहीं हो पाता। जिसमें मानक बदल कर पूर्ण ध्वस्त मकान 10 लाख रुपये की सहायता दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि अन्य प्रकार की क्षति पर सहायता राशि के मानक बेहद न्यून हैं, जिन्हें बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा कपकोट समेत पूरे उत्तराखंड में कई सालों से हजारों परिवारों के विस्थापन की प्रक्रिया चलने की बात की जा रही है और सरकार विस्तापन करने के नाम पर लोगों को झांसा दे रही है।
कहा कि जल्द प्रक्रिया पूरी करके बेसहारा लोगों को विस्थापित किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व विधायक ललित फर्सवाण, उमेश चंद्र जोशी, निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भगवत सिंह डसीला, जिला पंचायत चौरा सदस्य सुरेश खेतवाल, पूर्व प्रधान सुमगढ़ गिरीश चंद्र जोशी, सरपंच सुमगढ़ आनंदी देवी, ग्राम प्रधान सुमगढ़ मंगल रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य चौड़ा चामू सिंह देवली, ग्राम प्रधान बड़ेत भुवन सिंह ऐठानी, विजय घिंगा, प्रताप सिंह टाकुली, चंचल राम, सुरेंद्र दानू, प्रवीण मटियानी, दुर्गा द्याराकोटी, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष दीपक गढ़िया आदि मौजूद थे।