Uttarakhand : "फ्री क्रेडिट कार्ड, 5 लाख तक की लिमिट, कार्ड लेंगे क्या !"
क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी मामले में उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, 10वीं पास गिरोह का सरगना गिरफ्तार
फर्जी क्रेडिट कार्ड देने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने बड़ी कारवाई करते हुए हरिद्वार से गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से 06 मोबाइल फोन, 14 डेबिट कार्ड, एक ops मशीन, एक कंप्यूटर, बैंक की पासबुक और लेनदेन के रजिस्टर बरामद किए गए हैं। हैरानी की बात है कि लाखों कमा रहा यह आरोपी सिर्फ 10वीं पास है।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि ने बताया कि गृह मंत्रालय के 14 सी वेब पोर्टल पर क्रेडिट कार्ड और अन्य माध्यमों से लाखों रुपए की ऑनलाइन की 22 अलग-अलग घटनाएं प्राप्त हुई थी। जिस पर एसटीएफ ने हरिद्वार के रावली मेहदूद से चलाए जा रहे कॉल सेंटर पर छापेमारी की। जिसमें सेंटर को संचालित करने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी और भी जांच की जा रही है जिसने अभी और भी तथ्यों की जांच की जा रही है। आगे पढ़ें...
आनॅलाइन ठगी करने वाला यह गिरोह हरिद्वार के थाना सिडकुल में लंबे समय से सक्रिय था। यह गिरोह अभी तक लाखों की ठगी करने वाली 22 घटनाओं में शामिल है। जांच के दौरान अलग-अलग मोबाइल नंबरों के डेटा को चेक किया गया, जिसमें सामने आए संदिग्ध बैंक अकाउंट के लेन-देन की डिटेल्स सामने आई.। इन बैंक अकाउंट्स को चेक किया गया तो पाया गया कि इन संदिग्ध बैंक खातों में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और देशभर के अन्य राज्यों से अलग-अलग लोगों के बैंक अकाउंट्स से राशि ट्रांसफर की जा रही है।
इन संदिग्ध खातों में पिछले कुछ महीनो में 70 लाख रुपए का लेन-देन पाया गया। इसके बाद एसटीएफ ने सूचना पर मोहल्ला रामनगर, ग्राम रावली महदूद थाना सिडकुल हरिद्वार में एक घर में छापा मारकर एक व्यक्ति विपिन पाल को गिरफ्तार किया।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि, आरोपी हरिद्वार में साल 2017 से रह रहा है। वो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जिला शामली का रहने वाला है। वह 10वीं पास है और पिछले कई सालों से क्रेडिट कार्ड, इंश्योरेंस और अलग-अलग लोन दिलाने के नाम पर फोन से लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहा है। उसके साथ इस काम में 11 लोग एक गिरोह बनाकर ऑनलाइन ठगी का काम करते हैं। सभी को अलग-अलग काम दिया गया था। जिसे विपिन पाल द्वारा ही संचालित किया जा रहा था।
फर्जी बैंक अधिकारी बन करते थे कॉल
गिरोह के 3 सदस्यों का कार्य ऐसा डाटा उपलब्ध कराना होता था, जिनके साथ ठगी की जानी है। ये लोग क्रेडिट कार्ड आदि के नाम पर फर्जी बैंक कर्मचारी बनकर काल करते थे और लोगों से क्रेडिट कार्ड (जिसकी लिमिट 5 लाख रुपए तक है) बताकर उसे स्वीकृत किए जाने को लेकर प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर ठगी करते थे. लोगों को ठगने के लिए ये गिरोह फर्जी लिंक भेजकर उनका फोन हैक कर धनराशि को अपने पास मौजूद बैंक खातों में ट्रांसफर कर लेते हैं।
लोगों को ठग कमाये रुपये, खरीदा दो मंजिला घर
ठगी से मिली धनराशि से मुख्य आरोपी विपिन पाल ने रामनगर रावली महदूद में अपने घर के पास ही एक दो मंजिला नया घर खरीदा है। जबकि फर्जी कॉल करने के लिए एक ऑफिस ब्रह्मपुरी बाजार में खोला गया था। जहां से कंप्यूटर, मोबाइल, क्रेडिट कार्ड्स, लेन-देन का रजिस्टर, पीओएस मशीन, चेक बुक और अन्य सामान बरामद किया गया है। धोखाधड़ी के लिए गिरोह द्वारा Google Pay, Paytm, PayZap, No Broker Pay, Phone Pay App आदि फोन एप्स को इस्तमाल किया जाता था।
आप भी पढ़ें इनकी ठगी करने की स्क्रिप्ट:
बरामद रजिस्टर के एक पेज में कॉल करने की स्क्रिप्ट लिखी गई है। जिसमें लिखा गया है, 'हेलो सर... ICI बैंक क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट से *** शर्मा बात कर रही हूं... सर, ICI** बैंक आपको फ्री ऑफ कॉस्ट क्रेडिट कार्ड ऑफर कर रहा है। जिसकी लिमिट आपको 5 लाख रुपए तक प्रोवाइड की जाएगी सर... सर क्या आप इंटरेस्टेड हैं क्रेडिट कार्ड लेने के लिए?' इसके बाद सामने वाले व्यक्ति की सहमति पर उसे एक लिंक भेजा जाता और उसके फोन का सारा एक्सेस ले लिया जाता। फिर धोखाधड़ी का ऐसा खेल चलता कि सामने वाले का पूरा बैंक एकाउंट ही यह खाली कर देते।