जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने संभाला नए सेना प्रमुख का पदभार
नई दिल्ली | जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने रविवार (30 जून) को नए आर्मी चीफ का चार्ज संभाला। जनरल द्विवेदी 30वें सेना प्रमुख हैं। वे इसी साल 19 फरवरी को वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बने थे। भारत सरकार ने 11 जून की रात उन्हें आर्मी चीफ बनाने का ऐलान किया था। इससे पहले वे सेना के वाइस चीफ, नॉर्दर्न आर्मी कमांडर, DG इन्फेंट्री और सेना में कई अन्य कमांड के प्रमुख के रूप में काम कर चुके हैं।
जनरल द्विवेदी ने आर्मी चीफ के तौर पर जनरल मनोज पांडे की जगह ली है। जनरल मनोज पांडे आज यानी 30 जून को ही रिटायर हो गए। लास्ट वर्किंग डे पर सेना की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वे 26 महीने तक आर्मी चीफ रहे।
मनोज पांडे को एक महीने का एक्सटेंशन दिया था
सरकार ने पिछले महीने जनरल पांडे का कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया था। आम तौर पर सेना में इस तरह के फैसले नहीं लिए जाते। जनरल मनोज पांडे 31 मई को रिटायर होने वाले थे। इससे ठीक छह दिन पहले 25 मई को उन्हें एक्सटेंशन दिया गया था। इस कदम से अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को सेना की टॉप पोस्ट के लिए नजर अंदाज किया जा सकता है। लेकिन सरकार के ऐलान के साथ ही इन सभी अटकलों पर विराम लग गया।
अपॉइंटमेंट में फॉलो किया गया सीनियरिटी कॉन्सेप्ट
सेना प्रमुख बनाए जाने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के पद पर थे। उनकी नियुक्ति में सरकार ने सीनियॉरिटी को देखा। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के बाद सबसे सीनियर अफसर दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी और लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह दोनों को 30 जून को रिटायर होना था। तीनों सेनाओं के प्रमुख 62 साल की उम्र तक या तीन साल, इनमें से जो भी पहले हो, तब तक सेवा दे सकते हैं। हालांकि, लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों की रिटायरमेंट एज 60 साल है, जब तक कि अधिकारी को फोर स्टार रैंक के लिए अप्रूव नहीं किया जाता है।