LAC से अच्छी खबर, भारत-चीन बॉर्डर पर सैनिकों ने एक-दूसरे को बांटी मिठाई
CNE DESK/दिवाली पर एलएसी से अच्छी खबर आई है। त्योहार के मौके पर भारत और चीन के सैनिकों ने एक-दूसरे को मिठाइयां बांटी हैं। इन घटनाओं को देखकर अब माना जा रहा है कि रिश्तों पर जमीं बर्फ अब पिघलने लगी है।
मिठाइयां भेंट करने की यह तस्वीरें ऐसे समय सामने आई हैं जब दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में दो संवेदनशील प्वाइंट डेमचोक और देपसांग के मैदानों पर अलगाव प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया है। दिवाली के मौके पर ऐसी तस्वीरें सामने आने पर इसे कुटनीतिक नजरिये से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, चूशुल-मोल्डो सीमा बैठक स्थल पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया।
बुधवार को एक सेना के सूत्र के मुताबिक दोनों पक्षों के सैनिकों ने उपरोक्त बिंदुओं पर अलगाव प्रक्रिया पूरी कर ली है, जिससे जल्द ही गश्त संचालन की शुरुआत हो सकेगी। अलगाव के बाद सत्यापन प्रक्रिया चल रही है, जिसमें गश्त की विधियों पर स्थानीय ग्राउंड कमांडरों से सहमति बनाई जाएगी। सूत्र के मुताबिक, बातचीत स्थानीय कमांडर स्तर पर जारी रहेगी
जानिए भारत-चीन बॉर्डर पर कैसे पीछे हटीं सेनाएं
भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार साल से सीमा विवाद को लेकर तनाव था। दो साल की लंबी बातचीत के बाद पिछले दिनों एक समझौता हुआ है। दोनों सेनाएं विवादित पॉइंट्स देपसांग और डेमचोक से पीछे हटेंगी।
18 अक्टूबर: देपसांग और डेमचोक से पीछे हटने की जानकारी सामने आई थी। इसमें बताया गया था कि यहां से दोनों सेनाएं अप्रैल 2020 से पहली की स्थिति में वापस लौटेंगी। साथ ही उन्हीं क्षेत्रों में गश्त करेंगी, जहां अप्रैल 2020 से पहले किया करती थीं। इसके अलावा कमांडर लेवल मीटिंग होती रहेगी।
2020 में भारत-चीन के सैनिकों के बीच गलवान झड़प के बाद से देपसांग और डेमचोक में तनाव बना हुआ था। करीब 4 साल बाद 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच नया पेट्रोलिंग समझौता हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया था कि इसका मकसद लद्दाख में गलवान जैसी झड़प रोकना और पहले जैसे हालात बनाना है।
25 अक्टूबर: भारत और चीन की सेनाएं शुक्रवार, 25 अक्टूबर से पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई हैं। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग पॉइंट में दोनों सेनाओं ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटा लिए हैं। गाड़ियां और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले जाए जा रहे हैं।
आर्मी के सूत्रों के मुताबिक 28 और 29 अक्टूबर तक दोनों देश देपसांग और डेमचोक से अपनी- अपनी सेनाएं पूरी तरह हटा लेंगे। पेट्रोलिंग के लिए सीमित सैनिकों की संख्या तय की गई है। ये संख्या कितनी है, इसकी अभी जानकारी सामने नहीं आई है।