हल्द्वानी : अधिवक्ता की गोली मारकर हत्या, चचेरा भाई फरार
हल्द्वानी | कमलुवागांजा में चल रही रामलीला में बेटे का अभिनय देख रहे लामाचौड़ के पूरनपुर नैनवाल निवासी अधिवक्ता उमेश नैनवाल (45) की सोमवार देर रात चचेरे भाई दिनेश नैनवाल ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के पीछे जमीन का विवाद बताया गया है। वारदात के बाद वह घटनास्थल से कुछ दूर तमंचा फेंक फरार हो गया। वारदात से रामलीला में भगदड़ मच गई।
रामलीला देखने आए उमेश के पहुंचने से पहले दिनेश वहां पहुंचा हुआ था। इसका पता उमेश को नहीं था। अधिवक्ता उमेश का बेटा आदित्य 12वीं का छात्र है। रात 11 बजे करीब जब वह मंच पर परशुराम का मंचन कर रहा था, तभी चचेरे भाई दिनेश नैनवाल पीछे से आया और तमंचे से उमेश को गोली मार दी। भगदड़ के बीच हत्यारोपी तमंचा छोड़कर भाग गया। घायल उमेश को कालाढूंगी रोड स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उमेश एसडीएम कोर्ट में वकालत करते थे। एसएसपी पीएन मीणा सहित भी मौके पर पहुंचे। फरार आरोपी की तलाश में रात में ही पुलिस ने कई जगह दबिश दी, मगर वह पकड़ में नहीं आ सका।
पुलिस मामले के हर पहलू की गहनता से जांच कर रही है। अधिवक्ता को गोली मारने के बाद आरोपी अवैध असलहा रामलीला मैदान में ही झाड़ियों के बीच फेंककर फरार हो गया। पुलिस के अनुसार एक ही गोली मारी गई है, लेकिन जिस असलहे से गोली चली फेंका गया असलहा वही था या नहीं इस पर अभी संदेह बरकरार है। इसके लिए पुलिस ने असलहा कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।
दो भाइयों के बीच 20 बीघा जमीन बनी जान की दुश्मन
मृतक के भाई प्रदीप नैनवाल ने बताया कि दोनों भाईयों के बीच करीब 20 बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। जिस भू-खंड के लिए दोनों भाई एक-दूसरे से दुश्मनी पाले हुए थे उसका असल मालिक पहले ही मर चुका है। करोड़ों की विवादित जमीन दोनों भाइयों के घर के बीच में स्थित है। यह विवाद और जान से मारने का खतरा कोई पहली बार नहीं था। पहले भी दोनों के बीच तनातनी का माहौल बन चुका था। सोमवार को आरोपी घात लगाए बैठा था। अधिवक्ता उमेश नैनवाल का बेटा आदित्य सोमवार को रामलीला में परशुराम का पात्र निभा रहा था। बेटे के अभिनय को देखने गए अधिवक्ता उमेश नैनवाल को मौका देख उनके चचेरे भाई ने मौत के घाट उतार दिया। जान का खतरा जताते हुए अधिवक्ता ने छह महीने पहले मुखानी थाने में शिकायत भी दी थी, शायद पुलिस ने इस पर गंभीरता से संज्ञान लिया होता तो शायद आज स्थिति कुछ और होती।
छह टीमें कर रहीं आरोपी की तलाश
अधिवक्ता की सरेआम हत्या करने की वारदात शहर में सनसनी फैलाने वाली थी। देर रात करीब 11 बजे जैसे ही रामलीला मैदान में हत्या की सूचान पुलिस तक पहुंची, मौके पर एसएसपी से लेकर जिले के अन्य उच्चाधिकारी और फोर्स पहुंच गए। मौका मुआयना करने के बाद तुरंत ही फॉरेंसिक टीम को बुलाकर साक्ष्य एकत्र करने से लेकर मौके से सैंपल जुटाए गए। वहीं एसएसपी पीएन मीणा ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए छह टीमें बना दी गई हैं, जल्द से जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए हैं।