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हल्द्वानी : फसल बचाने के लिए फावड़े-बेलचे लेकर नहर में उतरे किसान

03:55 PM Mar 27, 2024 IST | CNE DESK
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हल्द्वानी समाचार | गौलापार क्षेत्र में नहर क्षतिग्रस्त होने से दो साल से फसलों की सिंचाई के लिए परेशान किसानों ने खुद ही नहर को ठीक करने का निर्णय लिया। ऐसे में करीब 100 काश्तकार फावड़े-बेलचे लेकर काठगोदाम पुल के नीचे उतर गए और बंद पड़ी नहर को साफ करना शुरू कर दिया। इसके बाद सिंचाई विभाग ने पोकलैंड की मदद से पहाड़ी का कटान करना शुरू किया। रात दस बजे करीब संघर्ष कामयाब हुआ। टूटे हिस्से के बीच में टिन व मजबूत काली पन्नी की मदद से पानी को आरपार कर नहर तक पहुंचाया गया। गौलापार के करीब सात हजार किसानों को काठगोदाम बैराज से पानी मिलता है।

अक्टूबर 2021 की आपदा में मुख्य नहर का काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। बार-बार मरम्मत कर जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा था। वहीं, दो माह पूर्व 2.89 करोड़ का बजट जारी होने पर स्थायी मरम्मत का काम शुरू हुआ। क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़ नए सिरे से निर्माण करना था। मगर लगातार भूस्खलन के कारण खतरे की स्थिति भी बन गई। दूसरी तरफ पिछले दो सप्ताह से खेतों को पानी मिलना बंद हो गया। प्याज, लहसुन की फसल संग पशुओं के लिए भी पानी की दिक्कत होने लगी। जबकि गेहूं की फसल भी प्रभावित हो रही थी।

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ऐसे में सोमवार सुबह नौ बजे करीब 100 काश्तकार काठगोदाम पुल के नीचे उतर गए। इन्होंने पहले नहर के एक हिस्से में घंटों सफाई की। लेकिन पूर्ण समाधान के लिए नहर के दोनों हिस्सों को मिलान करना था। इसलिए सिंचाई विभाग ने पोकलैंड से पहाड़ी को काटा। जमीन तल से भरान कर ऊपर तक लाया गया। इसके बाद ग्रामीणों संग काली पन्नी मिट्टी के ऊपर बिछाई गई। टीन से कोने को बंद कर पानी को बेवजह बहने से रोका गया। रात दस बजे करीब मेहनत सफल हो गई। इस तरह खेतों तक पानी पहुंचने लगा। काश्तकारों की समस्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नहर से पानी नहीं मिलने पर कई लोगों ने निजी टैंकरों से खेतों में पानी डलवाया, ताकि फसल पर सूखे की मार न पड़े।

इस दौरान पूर्व बीडीसी मेंबर अर्जुन बिष्ट, भगवत, बाल किशन सुयाल, महेश कर्नाटक, जगदीश बिष्ट, हरीश बिष्ट, चेतन जोशी, उमेश बिष्ट, नितिन जोशी, महेंद्र बिष्ट, धर्मेंद्र शर्मा, महेश जोशी, योगेश जोशी, मुकेश जोशी, एलएम जोशी आदि लोग शामिल रहे।

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सुभाष जोशी, एसडीओ सिंचाई विभाग ने बताया, मरम्मत का 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। भूस्खलन के कारण दिक्कत आ रही थी। काम के दौरान विभागीय कर्मी भी मौके पर मौजूद थे। जिसके बाद मशीन से कटान किया गया। काम जल्द पूरा करने की कोशिश है।

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