हल्द्वानी : युवक की संदिग्ध हालातों में मौत, परिजनों में कोहराम
हल्द्वानी। निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी में चालक के पद पर कार्यरत एक युवक की संदिग्ध हालातों में अस्पताल में मौत हो गई। वह अपने पिता के ठेले से स्कूटी लेकर निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा। पिता द्वारा कमिश्नर दीपक रावत से की गई शिकायत पर पुलिस एक्शन में आई और उसके सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती होने का पता चला। पिता जब तक अस्पताल पहुंचते तब तक वह दम तोड़ चुका था। परिजनों ने हत्या की आशंका जाहिर की है, जबकि पुलिस ने साफ किया है कि यह एक सड़क हादसा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से चंपावत जिले के रैगांव निवासी 25 वर्षीय सूरज अधिकारी देवलचौड़ स्थित मानपुर पश्चिम गांव में परिवार के साथ किराए पर रहता था। वह एक निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी में चालक था। सूरज के पिता दिलीप सुशीला तिवारी अस्पताल के पास खाने का ठेला लगाते हैं।
गत 14 अप्रैल की सुबह साढ़े सात बजे वह घर जाने की बात कहकर पिता के ठेले से स्कूटी लेकर निकला, लेकिन शाम तक घर नहीं पहुंचा। परिजनों ने पुलिस में शिकायत की। जब कुछ खास खोजबीन नहीं हुई तो मंगलवार को दिलीप कमिश्नर दीपक रावत के पास पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने बताया कि सड़क हादसे में घायल एक युवक एसटीएच में भर्ती है।
सूचना मिलने पर दिलीप अधिकारी अस्पताल पहुंच गए। जहां उन्होंने पाया कि उनका बेटा गंभीर हालत में आइसीयू में भर्ती है। मगर बुधवार तड़के सूरज ने दम तोड़ दिया। पिता का कहना है कि उसके बेटे की पीठ पर चोट के निशान हैं। उन्हें शक है कि उसकी हत्या हुई है।
मृतक अपने पीछे पिता दलीप के अलावा मां निर्मला, पत्नी रेनू, 12 साल की बेटी और छोटे भाई दीपक को छोड़ गया है। मृतक का उसके चंपावत स्थित पैतृक गांव रैगांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
क्या कहती है पुलिस !
इस मामले में टीपीनगर चौकी इंचार्ज दीपक बिष्ट ने बताया कि नीलकंठ अस्पताल के पास एक स्पीड ब्रेकर पर युवक की स्कूटी रपट गई थी। इस हादसे में वह घायल हो गया था। युवक के पास कोई आईडी कार्ड नहीं था। ना ही स्कूटी में कोई नंबर था। जिस कारण उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई। डायल 112 ने युवक को सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया था और स्कूटी चौकी में खड़ी करा दी गई थी। यह युवक आईसीयू में अज्ञात में भर्ती था। इस कारण उसका पता नहीं चल पाया। पुलिस के पास सीसीटीवी फुटेज मौजूद है।