देश की आजादी व समाज को जागृत करने में हिंदी पत्रकारिता ने निभाई अहम् भूमिका
✍️ अल्मोड़ा व बागेश्वर में पत्रकारों ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर गोष्ठी की
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/बागेश्वर: हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आज यहां सूचना कार्यालय में पत्रकारों ने एक गोष्ठी आयोजित की। जिसमें सभी ने एक—दूसरे को हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि 198 साल से राष्ट्र व समाज हित में कदम बढ़ाते हुए हिंदी पत्रकारिता देश की आजादी व समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज मौजूद तमाम चुनौतियों का मुकाबला करते हुए इस मिशनरी की गरिमा को बनाए रखने की जरुरत है। उधर बागेश्वर में भी पत्रकारों ने हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिलाध्यक्ष सुरेश तिवारी ने हिंदी पत्रकारिता के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज से करीब 198 साल पहले यानी 30 मई 1826 को कलकत्ता से उदंत मार्तंड नामक हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र निकला। यहीं से हिंदी पत्रकारिता ने देश व समाज हित में अपने पैर पसारे। उन्होंने कहा कि उस कठिन दौर में तमाम चुनौतियों के बावजूद नामी लोगों ने समाचार पत्रों का प्रकाशन किया और देश की आजादी में बड़ा योगदान दिया। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता की दशा व दिशा में अलग—अलग कारणों से गिरावट आ चुकी है। उन्होंने पत्रकारों को आम जनमानस के हित में काम करते हुए पत्रकारिता की गरिमा को स्थापित करना होगा। उन्होंने पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं दीं। इससे पूर्व एन.यू. जे. (आई) के वरिष्ठ मंडलीय उपाध्यक्ष जगदीश जोशी ने कहा कि दशकों पूर्व से हिंदी पत्रकारिता समाज में नई चेतना जागृत करने का काम किया है और आजादी के समय में हिंदी पत्रकारिता व पत्रकारों का योगदान अहम् रहा है। जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि मीडिया का धर्म सत्तारुढ़ दल को आइना दिखाना और एक प्रकार से विपक्ष की भूमिका में काम करते हुए समाज के लिए काम करना है। उन्होंने विभिन्न उदाहरण देकर नामी पत्रकारों की अहम् भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस नये दौर में पत्रकारिता के क्षेत्र में गिरावट दर्ज हुई है और पत्रकारों के समक्ष भी कई परेशानियां खड़ी हैं। ऐसे में निराश होने की जरुरत नहीं है, बल्कि संतुलन बनाते हुए ईमानदारी व एकजुटता से काम करते हुए चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकता है।
उत्तराखंड पत्रकार यूनियन अल्मोड़ा के संरक्षक/कानूनी सलाहकार डा. हयात सिंह रावत ने कहा आज पत्रकारिता के विविध स्वरुप सामने आ चुके हैं। पुराने दौर की पत्रकारिता व आज की पत्रकारिता में बड़ा अंतर सामने है। उन्होंने हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं प्रदान की। वरिष्ठ पत्रकार रमेश जोशी ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता ने देश में नई क्रांति जगाई। इस पत्रकारिता से जुड़े पत्रकारों की समाज को दिशा देने में बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता के क्षेत्र में गिरावट आ गई है और पत्रकारों के समक्ष भी कई चुनौतियां हैं। इसके बावजूद निराश होने की जरूरत नहीं है, बल्कि दृढ़ इच्छाशक्ति व एकजुटता से आगे बढ़ने की जरूरत है। जिला सूचनाधिकारी सुंदर गौतम ने सभी पत्रकारों को हिंदी पत्रकारिता दिवस की बधाई देते हुए निष्पक्षता से काम करने का आह्वान किया। संचालन निर्मल उप्रेती ने किया। इस मौके पर उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के जिला महामंत्री चन्दन नेगी, प्रचार मंत्री शिवेंद्र गोस्वामी, हिमांशु लटवाल समेत वरिष्ठ पत्रकार अशोक पांडे, दयाकृष्ण कांडपाल, हरीश भंडारी, एसएस कपकोटी, प्रकाश भट्ट शामिल रहे।
बागेश्वर में पत्रकारिता की भूमिका पर चर्चा
बागेश्वर: जिला पत्रकार समिति एवं नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट बागेश्वर द्वारा हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें देश की आजादी से लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलन व राष्ट्रहित में पत्रकारिता की भूमिका पर चर्चा की गई। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम करती है। देश की आजादी को लेकर हुए आंदोलन में हिंदी पत्रकारिता ने अंग्रेजों की चूलें हिलाकर रख दी थी। उन्होंने कहा कि हिंदी पत्रकारिता के उद्भव एवं विकास में हिंदी भाषा के पहले अखबार उदन्त मार्तंड और उसके संपादक पंडित जुगल किशोर शुक्ल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस अवसर पर दीपक पाठक, शंकर पांडेय, घनश्याम जोशी, केशव भट्ट,संजय साह जगाती, जगदीश उपाध्याय, सुशीला मेहरा, लता प्रसाद, नरेंद्र सिंह, हिमांशु जोशी, किशन मलड़ा, हिमाशु गड़िया आदि मौजूद थे