Hit And Run Law : हड़ताल से पेट्रोल-डीजल की किल्लत, फल-सब्जी महंगे
नई दिल्ली | केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून (Hit And Run Law) के खिलाफ देशभर के ट्रक ड्राइवर, डंपर और बस चालकों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी है और चालक इस मांग को लेकर अब सड़क पर उतर आये हैं। इसकी वजह से विभिन्न राज्यों में पेट्रोल-डीजल, फल-सब्जी जैसी बेहद जरूरी चीजें नहीं पहुंच रही हैं, जिसके चलते इन सभी के दाम बढ़ गए हैं।
मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत 10 राज्यों से पेट्रोल-डीजल पंप ड्राई होने की खबरें हैं। यहां लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। फल, सब्जी, दूध, कृषि के सामानों की सप्लाई प्रभावित हो रही है। कई जगह प्रशासन ट्रांसपोटर्स से संपर्क कर आपूर्ति बहाल करवाने में लगा है।
ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा, ‘अभी ट्रांसपोटर्स ने हड़ताल की घोषणा नहीं की है। इस पर फैसला मंगलवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में होगा। अभी ड्राइवर खुद ही गाड़ियां छोड़कर उतर रहे हैं। दूसरों को भी चलाने नहीं दे रहे हैं।
राजस्थान की राजधानी जयपुर सहित अन्य कई स्थानों पर बसों में सफर करने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को जयपुर-दिल्ली एवं जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य मार्गों पर चालकों के प्रदर्शन के कारण रोडवेज की पर्याप्त बसे नहीं चलने सहित अन्य यातायात को परेशानी हो रही है। रास्ते में बसों एवं अन्य वाहनों को रोके जाने के कारण लोग काफी परेशान हो रहे हैं और कई लोग बस स्टॉप से वापस अपने घरों को आ रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस कारण जयपुर से दिल्ली के लिए चलने वाली रोडवेज की बसों में भी कमी कर दी गई और जो चल रही है उनमें जगह नहीं मिल पा रही है। जयपुर से निकलने के बाद भी यह पता नहीं हैं कि बसे आगे किस रास्ते और किस समय अपने गतंव्य स्थान पर पहुंचेगी।
हड़ताल कर रहे चालक प्रदेश के विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन कर इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर यह कानून वापस नहीं लिया गया तो वे अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जायेंगे।
इस मामले में वो सबकुछ, जो आपको जानना जरूरी है
1- हिट एंड रन कानून में क्या बदलाव किया गया है, किस बात का विरोध: संसद से पारित और कानून बनी भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामलों में ‘लापरवाही से मौत’ में विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके अनुसार यदि चालक के तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने से मौत होती है और ड्राइवर पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए बिना भाग जाता है, तो 10 साल तक की कैद और 7 लाख रुपए जुर्माना।
2- अब तक क्या कानून है: आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), ड्राइवर की पहचान के बाद 304ए (लापरवाही से मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल सजा का प्रावधान है। वाहन चालक दुर्घटना के बाद भाग जाते थे।
3- ड्राइवरों की चिंता: मौके पर रहे तो भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है।
ट्रकों की हड़ताल का आम आदमी पर असर: इस हड़ताल का आम आदमी पर सीधा असर देखने को मिल सकता है। ट्रकों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की आवक नहीं होगी और कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। वहीं, पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रुकने के आसार हैं, जिससे लोकल ट्रांसपोर्ट और आम लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो सकती है।
भारत में 95 लाख से ज्यादा ट्रक हर साल 100 अरब किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हैं। देश में 80 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर हैं, जो हर दिन जरूरत का सामान एक शहर से दूसरे शहर ट्रांसपोर्ट करते हैं। हड़ताल के कारण इतनी बढ़ी संख्या में ट्रकों के रुकने से जरूरी चीजों की किल्लत हो सकती है।