बागेश्वर: बाबा बागनाथ के दर पहुंची सात गांव सतराली की होली
✍️ प्राचीन परंपरानुसार महाशिवरात्रि पर बागनाथ पहुंचते हैं होल्यार
✍️ वाद्य यंत्रों के बीच होली गायन ने मचाई धूम, खड़ी होली शुरू
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: प्राचीन परंपरा का पालन करते हुए ताकुला क्षेत्र के सात गांव सतराली की होली आज महाशिवरात्रि पर्व पर बाबा बागनाथ के दर पर पहुंची। होल्यारों ने ढोल, मंजीरे की थाप पर होली गायन किया और खड़ी होली गायन की शुरुआत की। मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं और नगरवासियों ने भी खड़ी होली गायन का आनंद लिया।
सतराली के सात गांव ताकुला, लोहना, खाड़ी, कांडे, पनरेगांव, कोतवाल गांव, झाड़कोट की खड़ी होली गायन का शुभारंभ बागनाथ मंदिर से होता है। मंदिर में विधिवत पूजा, अर्चना के बाद होली गायन की शुरुआत होती है। ढोल, दमाऊ, मंजीरे की थाप पर होली गायन करते हुए सतराली के होल्यार बागनाथ मंदिर पहुंचे। होल्यारों ने भगवान शिव को अबीर अर्पित किया और मंदिर परिसर में होली गायन शुरू किया। होल्यारों ने 'होली खेले गिरिजापति नंदन...' से होली गायन की शुरुआत की। धीरे-धीरे होली का रंग चढ़ता गया और होल्यार पूरी रंग में नजर आए। युवा और बुजुर्ग होल्यारों ने आपसी समन्वय बना होली गायन किया। उन्होंने नगरवासियों समेत मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को भी होली गायन के रंग से सराबोर कर दिया। होल्यारों ने हां जी शंभो तुम क्यों न होली लला.. गाकर भगवान शिव की स्तुति की। सुहावने मौसम में होल्यारों की लयबद्ध गायकी ने देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर दिया।