बागेश्वर: पिरुल से फैलने वाली वनाग्नि को रोकना जरुरी— करायत
✍️ कांडा महाविद्याल एवं राज्य रेडक्रास के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: राजकीय महाविद्यालय कांडा एवं राज्य रेडक्रॉस सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में डिग्री कॉलेज कांडा में आपदा प्रबंधन को लेकर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। मुख्य अतिथि बागेश्वर रेंज के रेंजर एसएस करायत ने जंगलों को आग से बचाने की पहल की। उन्होंने कहा कि लगभग 70 प्रतिशत क्षेत्र में चीड़ है। इससे निकलने वाला पिरुल आग लगने का मुख्य कारण है। इस पर रोक लगाने की जरूरत है।
कॉलेज सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमारा जिला भूकंप की दृष्टि से जोन चार व पांच में है। यहां भवन निर्माण से लेकर खनन कार्य वैज्ञानिक विधि से करने की जरूरत है। नहीं भविष्य में इसके बड़े खतरे सामने आएंगे। विशिष्ट अतिथि सोसायटी के जिला सचिव आलोक पांडेय ने गोष्ठी के उ्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने प्राथमिक उपचार के महत्व के बारे में बताया। कहा कि आपदा पीड़ित के पास पहुंचने में सोसायटी लगातार कार्य कर रही है। इसके अलावा रक्तदान कार्यक्रम से लेकर पीड़ित को रक्त उपलब्ध कराने में भी अहम भूमिका सोसायटी निभा रही है। संगोष्ठी संयोजक डॉ. उमा पांडेय पलड़िया ने आपदा से निपटने के लिए हर व्यक्ति तैयार हो इसके लिए यह संगोष्ठी आयोजित की गई है। आपदा प्रबंधन विभाग से भी टीम यहां पहुंची। उन्होंने आपदा के समय राहत व बचाव कार्य के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर कॉलेज की प्राचार्य डॉ. मधुलिका पाठक, डॉ. भारती डॉ. नीतू खुल्बे, डॉ. हरीश जरमाल, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. नागेंद्र पाल छात्र संघ अध्यक्ष उमा जोशी सहित सभी स्टाफ मौजूद रहे।