बागेश्वर: लोक संस्कृति की बयार से सराबोर कांडा
👉 सांस्कृतिक झांकी के साथ रंगारंग प्रस्तुतियों का सिलसिला चला
👉 डीएम अनुराधा ने किया तीन दिवसीय कांडा महोत्सव का उद्घाटन
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: तीन दिवसीय कांडा महोत्सव का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शुरू हो गया है। स्कूली बच्चों सहित महिलाओं ने सांस्कृतिक झांकी निकाली। इस दौरान कांडा लोक संस्कृति से सराबोर नजर आया। महोत्सव का शुभारंभ जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने किया।
इस मौके पर डीएम ने कहा कि ऐसे आयोजनों को अपनी संस्कृति को जानने तथा इसे देश व दुनिया तक पहुंचाने का बेहतरीन माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि महोत्सव जैसे आयोजन हमारी लोक विरासत को संरक्षण प्रदान करने के साथ ही आने वाली पीढ़ी को हमारी लोक संस्कृति से परिचित कराने का कार्य कर रही है। उत्तराखंड की संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से जानने का अवसर प्रदान करने वाला यह महोत्सव निश्चित रूप से हमारी आगामी पीढ़ी के लिए सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का भी कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे महोत्सवों के आयोजनों के माध्यम से हमारे स्थानीय कलाकारों को भी एक मंच प्राप्त होता है और उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रदेश सरकार उत्तराखंड की संस्कृति एवं परंपराओं को सहेजने का कार्य कर रही है, जिससे पूरे उत्तराखंड का सांस्कृतिक वैभव बढा रहा है। उन्होंने कहा हमें आगे बढ़ना है तो अपनी परंपराओं और संस्कृति से जुड़े रहना होगा। उन्होंने आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि लोक महोत्सव, लोक संस्कृति को प्राणवान बनाते हैं। उन्होंने प्रशासन की ओर से महोत्सव में हर संभव मदद करने का आश्वासन देते हुए कहा कि कांडा क्षेत्र के विकास के लिए शासन प्रशासन निरंतर कार्य कर रहा है।
महोत्सव में स्कूली बच्चों व लोक कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुति दी। महोत्सव के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी ने अतिथियों का इससे पूर्व स्वागत किया गया। कांडा महोत्सव के अध्यक्ष हीरा सिंह कर्मयाल ने महोत्सव की रूपरेखा रखते हुए बताया कि महोत्सव में तीन दिन तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस दौरान कांडा महोत्सव के सचिव दरबान सिंह धपोला, संरक्षक मोहन सिंह चंदोला, जिलाध्यक्ष भाजपा इंद्र सिंह फस्र्वाण, उपजिलाधिकारी अनुराग आर्या,प्रकाश नगरकोटी, रघुवर माजिला, विजय कार्की, आनंद धपोला, सविता नगरकोटी, कमला नगरकोटी आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन वीरेंद्र नगरकोटी ने किया।