कोलकाता रेप-मर्डर केस- केंद्र का आदेश, सभी राज्य हर 2 घंटे में कानून व्यवस्था की रिपोर्ट देंगे
कोलकाता | कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस के विरोध में देशभर में डॉक्टरों के प्रोटेस्ट का आज 9वां दिन (18 अगस्त) है। मामले की जांच कर रही CBI ने बताया कि आरोपी संजय का आज साइकोलॉजिकल टेस्ट होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पता चल सकता है कि क्राइम सीन पर कौन-कौन था और वारदात को कैसे अंजाम दिया गया। केस को लेकर अस्पताल प्रशासन की भूमिका को लेकर भी CBI को जानकारी मिल सकती है।
इस बीच, 17 अगस्त की देर रात केंद्र सरकार ने नया आदेश जारी करते हुए कहा- अब सभी राज्यों को हर दो घंटों में कानून-व्यवस्था की जानकारी गृह मंत्रालय कंट्रोल रूम को फैक्स, ई-मेल या वॉट्सऐप के जरिए देंगे। दरअसल, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर का रेप के बाद हत्या की गई थी। 14 अगस्त की देर रात इसी अस्पताल में हिंसा हुई, जिसके बाद डॉक्टरों ने प्रदर्शन तेज किया।
केस और हड़ताल को लेकर आज के अपडेट्स
>> कोलकाता पुलिस ने भाजपा की पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी को नोटिस जारी कर 3 बजे पूछताछ के लिए बुलाया है। पुलिस ने कहा कि लॉकेट पर ट्रेनी डॉक्टर की पहचान उजागर करने का आरोप है।
>> कोलकाता पुलिस ने आरजी कर अस्पताल के डॉ. कुणाल सरकार और डॉ. सुबर्नो गोस्वामी को नोटिस जारी किया है। पुलिस ने कहा है कि दोनों डॉक्टरों पर केस को लेकर अफवाह फैलाने का आरोप है।
>> आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपिल संदीप घोष से CBI आज लगातार तीसरे दिन पूछताछ कर रही है। अब तक संदीप घोष से 36 घंटे की पूछताछ हो चुकी है।
>> 14 अगस्त को हुई तोड़फोड़ और हिंसा मामले में कोलकाता पुलिस ने 2 और लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। अब तक कुल 32 लोग अरेस्ट हुए हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
आरजी मेडिकल कॉलेज के पास धारा 163 लागू
कोलकाता पुलिस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास आज (18 अगस्त) से भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 (पहले CRPC की धारा 144) लागू कर दी है। 17 अगस्त की देर रात जारी इस आदेश में कहा गया है कि अगले 7 दिनों (24 अगस्त) तक धरना-प्रदर्शन पर रोक रहेगी। 5 से ज्यादा लोगों के जुटने, हथियार लेकर जाने या तनाव पैदा करने वाली किसी भी गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी।
निर्भया की मां बोलीं- 2012 से अब तक कुछ नहीं बदला
निर्भया की मां ने शनिवार को कहा- 2012 से अबतक कुछ नहीं बदला है। ममता अपने पद का दुरुपयोग कर रही हैं। वे इस घटना के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय मुद्दे से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहीं हैं। ममता को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। जब तक केंद्र और राज्य सरकारें हैवानियत करने वालों को अदालत से तत्काल सजा दिलाने को लेकर गंभीर नहीं होंगी, तब तक आए दिन देश के इस तरह की घटनाएं सामने आती रहेंगी।
डॉक्टरों की हड़ताल का असर
>> डॉक्टरों की हड़ताल से देशभर के अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित हुईं। दिल्ली के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में OPD, इमरजेंसी को छोड़कर दूसरी सर्जरी और IPD सेवाएं बंद रहने से सैकड़ों मरीज परेशान हुए।
>> दिल्ली में रोजाना करीब एक लाख से अधिक मरीजों को उपचार के बिना अस्पतालों से लौटना पड़ रहा है। हर रोज लगभग 250 से 300 सर्जरी भी नहीं हो पा रही हैं।
>> पिछले 6 दिन में करीब 6 लाख से अधिक मरीज इलाज नहीं करा सके, जबकि करीब 2500 से ज्यादा सर्जरी नहीं हो सकीं।
केंद्र ने डॉक्टरों के लिए कमेटी बनाने का आश्वासन दिया
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 17 अगस्त को बयान जारी कर कहा- डॉक्टरों की मांग को लेकर कमेटी बनाई जाएगी। सुरक्षा के लिए राज्य सरकारों से भी सुझाव मांगे जाएंगे। केंद्र के फैसले के बाद IMA ने भी बयान जारी किया। इसमें कहा गया, 'IMA सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करने और अपनी सभी स्टेट ब्रांच से सलाह लेने के बाद जवाब देगा। हम हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी स्टेटमेंट की स्टडी कर रहे हैं।'
IMA चीफ बोले- हमने ऐसा कुछ नहीं मांगा जो सरकार नहीं दे सकती
IMA चीफ डॉ. अशोकन ने शनिवार को कहा- इमरजेंसी सेवाएं छोड़कर अस्पतालों में कामकाज बंद है। हमारी मांग है कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। हमने ऐसा कुछ नहीं मांगा जो सरकार नहीं कर सकती है। हम जीवन के अधिकार की मांग कर रहे हैं। यह मौलिक अधिकार है। हम प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे। मामले में उन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए। PM ने 15 अगस्त की स्पीच में महिलाओं की सुरक्षा की बात कही थी।