लोकसभा चुनाव : यहां चुनाव लड़े बिना निर्विरोध जीता BJP कैंडिडेट, कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द
Lok Sabha Elections | लोकसभा चुनाव में भाजपा का खाता खुल गया है। गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से सोमवार को BJP कैंडिडेट मुकेश दलाल निर्विरोध चुने गए। दरअसल यहां से कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभाणी का पर्चा रद्द हो गया था। उनके पर्चे में गवाहों के नाम और हस्ताक्षर में गड़बड़ी थी। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस समेत 10 प्रत्याशी मैदान में थे। रविवार को 7 निर्दलीय कैंडिडेट ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। बीएसपी कैंडिडेट प्यारे लाल भारती ही बचे थे, जिन्होंने सोमवार को पर्चा वापस ले लिया। इस तरह मुकेश दलाल निर्विरोध चुने गए।
कांग्रेस बोली- कानूनी लड़ाई लड़ेंगे
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, हमारी लीगल टीम सभी पहलुओं की पड़ताल कर रही है। कानूनी टीम इस बात पर विचार कर रही है कि पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाए या फिर सीधे सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई जाए। मुकेश निर्विरोध निर्वाचित होने वाले बीजेपी के पहले सांसद बने हैं। वहीं, गुजरात के चुनावी इतिहास में भी यह पहला मौका है, जब कोई सांसद बिना चुनाव लड़े ही जीत गया हो।
रविवार को रद्द हुआ था नीलेश कुंभाणी का पर्चा
बीजेपी के पूर्व डिप्टी मेयर दिनेश जोधानी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि कांग्रेस कैंडिडेट नीलेश कुंभाणी के पर्चे में प्रस्तावकों के फर्जी हस्ताक्षर करवाए गए हैं। डीईओ सौरभ पारधी ने 21 अप्रैल को इस मामले में स्पष्टीकरण मांगते हुए कुंभाणी को रविवार सुबह 11 बजे तक का समय दिया था। नामांकन पत्र रद्द करने को लेकर रविवार को कलेक्टर और चुनाव अधिकारी के समक्ष सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान फॉर्म पर हस्ताक्षर करने वाले चारों प्रस्तावक भी नदारद थे। इसके चलते आखिरकार चुनाव अधिकारी ने नीलेश कुंभाणी का फॉर्म रद्द कर दिया।
मुकेश दलाल ने कहा- लोकतांत्रिक तरीके से जीत हासिल की
निर्विरोध चुने जाने पर मुकेश दलाल ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल का आभारी हूं। मैंने लोकतांत्रिक तरीके से जीत हासिल की है। मैं वास्तव में अपने मतदाताओं और कार्यकर्ताओं का भी आभारी हूं। विरोधियों के बारे में इतना ही कहूंगा कि चीजें उनकी उम्मीदों के मुताबिक होती हैं तो उन्हें अच्छा लगता है। उम्मीदों के विपरीत काम होने पर उन्हें लोकतंत्र की हत्या नजर आने लगती है।'
अब जानिए कौन हैं मुकेश दलाल
सूरत सीट से मुकेश दलाल पहली बार चुनाव लड़ रहे थे। इस सीट पर बीजेपी की दर्शना जरदोश पिछले तीन टर्म से चुनाव जीतती आ रही थीं, लेकिन इस बार उनका टिकट काटकर मुकेश दलाल को जगह दी गई। दलाल बीजेपी गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के करीबी हैं। मुकेश दलाल पिछले 43 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी से जुड़़े हुए हैं। पाल क्षेत्र से लगातार तीन बार पार्षद रहे हैं। इसके अलावा बीजेपी युवा मोर्चा के कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं।
#WATCH | Gujarat: On being elected unopposed from the Surat Lok Sabha seat, BJP's Mukesh Dalal says, "Today I have been declared winner, so the first lotus has bloomed in Gujarat and in the country. I thank PM Modi, HM Amit Shah, party chief JP Nadda, state CM, and state BJP… https://t.co/1RpY7J7apj pic.twitter.com/JSDWg02Dc8
— ANI (@ANI) April 22, 2024
कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन क्यों हुआ रद्द?
निर्वाचन अधिकारी सौरभ पारधी ने अपने आदेश में कहा कि कुंभाणी और पडसाला द्वारा सौंपे गए चार नामांकन फॉर्म को प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में प्रथम दृष्टया विसंगतियां पाए जाने के बाद खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि ये हस्ताक्षर असली नहीं लग रहे हैं। आदेश में कहा गया कि प्रस्तावकों ने अपने हलफनामों में कहा है कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कांग्रेस के वकील बाबू मंगुकिया ने कहा, ‘‘नीलेश कुंभाणी और सुरेश पडसाला के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए हैं। चार प्रस्तावकों ने कहा है कि फॉर्म पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। ''उन्होंने कहा कि अब उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे।