EducationHealthCovid-19Job Alert
Uttarakhand | Tehri GarhwalRudraprayagPithoragarhPauri GarhwalHaridwarChampawatChamoliUdham Singh NagarUttarkashi
AccidentCrimeUttar PradeshHome

सास, बहू और तकरार : थाने पहुंची सासू मां, बोली "बहू को पांव छूना सिखाओ"

12:01 PM Jun 05, 2023 IST | CNE DESK
सास, बहू और तकरार
Advertisement

🤔 बहू बोली दिल से इज्जत करती हूं, पर पांव छूना पसंद नहीं

🥱 लंबी काउंसिलिंग, न तो सास झुकी ना ही बहूरानी

नई-नवेली दुल्हन जब घर आती है तो उसके पति से ज्यादा ससुराल पक्ष के अन्य लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ जाती हैं। खास तौर पर घर पर रह रहे बुजुर्ग सास-ससुर इतना भर चाहते हैं कि उनकी बहू संस्कारी हो। उनका सम्मान करे। पर क्या हो यदि बहूरानी कहे कि, "चाहे कुछ हो जाये बुजुर्ग सास-ससुर के चरण स्पर्श नहीं करूंगी।" ऐसा ही कुछ यूपी के आगरा में हुआ। जहां मात्र पांव छूने के मसले को लेकर सास-बहू की तकरार थाने तक आ पहुंची।

बीटेक पास है बहू, पांव छूना गंवारा नहीं

Advertisement

यह मामला आगरा के सिकंदरा थाना क्षेत्र का है। यहां एक वृद्ध महिला अचानक थाने आ पहुंची। उसने वहां मौजूद अधिकारियों को जो कुछ बताया उसे सुनकर पुलिस कर्मी भी हैरान रह गये। वह बोली कि साहब मैं एक पढ़ी-लिखी शिक्षिका हूं। उच्च शिक्षित होने के बावजूद हमेशा अपने संस्कारों में रही। मैंने अपने सास-ससुर को माता-पिता का दर्जा दिया था, लेकिन मेरी बहू ऐसी नहीं है। वह बीटेक पास है। इस बात का उसे ऐसा घमंड है कि मेरे पांव छूने को तैयार नहीं है।

बहू का यह है पक्ष

Advertisement

सास की शिकायत पर पुलिस ने थाने के परामर्श केंद्र में इस घरेलू विवाद को सुलझाने का निर्णय लिया। अतएव तय हुआ कि संडे को दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर बात होगी। बकायदा काउंसलर वहां मौजूद थे। सास ने फिर अपनी बात दोहराते हुए कहा कि बहू मेरे तो क्या किसी भी बुजुर्ग के पैर नहीं छूती है। इस कारण वह अपने रिश्ते-नातेदारों के समक्ष कई बार शर्मिंदा हो चुकी है। वहीं, बहू ने कहा कि उसे पैर छूना पसंद नहीं। इससे कुछ नहीं होता है। बहू बोली कि वह तो सास और ससुर का दिल से सम्मान करती है, लेकिन पांव नहीं छू सकती। बहू ने बताया कि सास की जिद के चलते वह पिछले 15 दिन से मायके में ही रह रही है।

नहीं मानी बहू, फिर मायके रवाना

Advertisement

पुलिस ने बताया कि मामला यह है कि बहू बीटेक पास है और सास शिक्षिका है। दोनों महिलाएं पढ़ी-लिखी हैं। दोनों ही जिद पर अड़े हैं। महिला ने अपने बेटे की करीब डेढ़ साल पहले शादी की थी। वह एक संस्कारी बहू चाहती थी, लेकिन उनकी बहू तो पैर तक नहीं छूती है। सास का यही कहना है कि पढ़ा-लिखा होने का मतलब यह नहीं कि संस्कार भूल जायें। पुलिस थाने में मौजूद काउंसलर ने भी बहू को बहुत समझाया। घर-परिवार बनाये रखने और सास-ससुर को अपने माता-पिता का दर्जा देने की दुहाई दी। इसके बावजूद बहू नहीं मानी और अपने ससुराल जाने की बजाए मायके चली गई।

काउंसलर ने कहा इस तरह का पहला मामला

इधर इस मामले में काउंसलर अमित गौड़ ने बताया कि रोजाना काफी संख्या में पारिवारिक मसलों की काउंसलिंग होती है। हालांक इस तरह का मामला पहली बार देखा गया है। उन्होंने अपनी ओर से दोनों पक्षों को काफी समझाने की कोशिश की मगर बात नहीं बन सकी। अतएव मामले में अगली तारीख दे दी गई है।

क्या होते हैं परिवार परामर्श केंद्र

परिवार परामर्श केंद्र केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड द्वारा शुरू की गई योजना है। यह वर्ष 1983 में शुरु हुई थी। परिवार परामर्श केंद्रों में मुख्य रूप से पारिवारिक विवादों को सुलझाने का प्रयास किया जाता है। प्रभावित महिलाओं और बच्चों को भी परामर्श देने के साथ पुनर्वास सेवाएं दी जाती हैं। वैसे ​विभिन्न थाना-कोतवालियों में स्थापित इन केंद्रों में रोजाना बहुत से मामले आते हैं। जिन्हें आपसी बातचीत के जरिए सुलझाने का प्रयास होता है। हालांकि देखा गया है कि तमाम प्रयासों के बावजूद काउंसलिंग में केवल 25 प्रतिशत ही मामले सुलझ पाते हैं। कई बार तो बुलावे के बावजूद संबंधित पक्ष बातचीत को तैयार ही नहीं होते हैं।

नैनीताल : विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्यपाल का संदेश पढ़ें

हेमकुंड साहिब यात्रा : ग्लेशियर खिसकने से बर्फ में लापता महिला श्रद्धालु का शव बरामद

Tags :
Agra Newsmother-in-law and daughter-in-law conspiracymother-in-law said daughter-in-law does not touch feetmother-in-law-daughter-in-law quarrelup newsUP policeआगरा न्यूजयूपी न्यूजयूपी पुलिससास बोली बहू पांव नहीं छूतीसास-बहू और साजिशसास-बहू का झगड़ा

Related News