EducationHealthCovid-19Job Alert
Uttarakhand | Tehri GarhwalRudraprayagPithoragarhPauri GarhwalHaridwarChampawatChamoliUdham Singh NagarUttarkashi
AccidentCrimeUttar PradeshHome

नैनीताल : राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में आरक्षण को मिली चुनौती, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

05:27 PM Sep 19, 2024 IST | CNE DESK
Advertisement

नैनीताल | उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में मिलने वाले 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है। हालांकि अदालत ने अभी इस पर रोक नहीं लगायी है लेकिन सरकार को छह सप्ताह में जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है।

राज्य सरकार की ओर से बनाये गए 10 प्रतिशक्ष क्षैतिज आरक्षण संबंधी अधिनियम को भुवन सिंह और अन्य की ओर से एक जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गयी है। इस प्रकरण की सुनवाई गुरूवार को मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की युगलपीठ में हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2004 में राज्य आंदोलनकारियों के लिये सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया लेकिन वर्ष 2017 में उच्च न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया। अदालत ने इसे संविधान की धारा 14 और 16 का उल्लंघन माना था।

Advertisement

याचिकाकर्ताओं की ओर से आगे कहा गया कि सरकार की ओर से उच्च न्यायालय के वर्ष 2017 के आदेश को अभी तक उच्चतम न्यायालय में चुनौती नहीं दी गयी है। इसलिये उच्च न्यायालय का आदेश अभी बना हुआ है। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण देने के लिये नया कानून बना दिया। जो कि गलत है। यही नहीं इसी के तहत 21 अगस्त 2024 को कार्मिक और सतर्कता विभाग की ओर से उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को एक अधियाचन भेजा गया जिसमें राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ देने की बात कही गयी है।

आज सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार को अधिकार है और उच्चतम न्यायालय ने भी अपने आदेश में राज्य सरकारों को ऐसे वर्गों को आरक्षण देने पर सहमति जताई है जो आरक्षण के हकदार हैं।

Advertisement

अदालत ने फिलहाल क्षैतिज आरक्षण संबंधी सरकार के कदम पर रोक तो नहीं लगायी लेकिन राज्य सरकार से छह सप्ताह में जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है। साथ ही यह भी कहा है कि राज्य में कितने आंदोलनकारी हैं और अभी तक कितनों को आरक्षण का लाभ मिल चुका है।

Advertisement

Related News