सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में कल से मचेगी नंदादेवी मेले की धूम
✍️ इस दफा मंदिर परिसर में ही होंगे सभी कार्यक्रम, बहेगी सांस्कृतिक बयार
✍️ महोत्सव का पोस्टर विमोचित, राजकीय मेला घोषित नहीं होने की भी टीस
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में ऐतिहासिक नंदादेवी के मेले का आगाज कल यानी 6 सितंबर से होगा। जिसके कार्यक्रमों की रुपरेखा तय कर ली है और तैयारियों को अंतिम रुप देते हुए तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस दफा मेले के सभी कार्यक्रम नंदादेवी मंदिर परिसर में ही होंगे। नंदादेवी मंदिर के मंच से कई दिनों तक सांस्कृतिक बयार बहाकर मेले को भव्यता प्रदान की जाएगी। आज नंदादेवी मेला समिति ने प्रेसवार्ता आयोजित कर यह जानकारियां दीं और इसी के साथ नंदादेवी मेले के पोस्टर का विमोचन किया गया। (आगे पढ़िये...)
नंदादेवी मंदिर परिसर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने कहा कि यहां नंदादेवी मेले की परंपरा 300 सालों से चले आ रही है और विधिवत चले आ रहा मेला इस बार 208वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने बताया कि गत वर्षों में भीड़ को देखते हुए जन सुविधा और मेले का भव्यता प्रदान करने के लिए एडम्स के मैदान में भी मेले के कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। मगर इस बार यह मैदान नहीं मिल पाने से मेले के सभी कार्यक्रम नंदादेवी मंदिर परिसर में ही आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि स्थानाभाव को देखते हुए इस दफा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कुछ कटौती भी की गई है, लेकिन मेले भव्य रुप से चलेगा। उन्होंने कहा कि मेला कार्यक्रमों को केबल के माध्यम से भी दिखाया जाएगा। (आगे पढ़िये...)
उन्होंने बताया कि 6 सितंबर से शुरु होकर यह मेला 13 सितंबर को मां की शोभायात्रा व डोले के विसर्जन के साथ सम्पन्न होगा। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन रंगारंग कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियां होंगी। जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक दलों व कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। विविध प्रतियोगिताओं के साथ ही स्टार नाइटें भी होंगी। पहले दिन मेहंदी, ऐपण व नृत्य प्रतियोगिताएं होंगी जबकि 7 सितंबर को विद्यालयीय सांस्कृतिक जुलूस खास आकर्षण रहेगा। इस मौके पर संयुक्त रुप से मेले के पोस्टर का विमोचन किया गया। प्रेसवार्ता के दौरान समिति के सचिव मनोज सनवाल, जीवन वर्मा, डा. निर्मल जोशी, आनंद सिंह बगड्वाल, अनूप साह, तारा सिंह जोशी, हरीश कनवाल, गोपाल जीना, जगत तिवारी, दिनेश गोयल, मोहन कनवाल, हितेश नेगी, नीरज पवार, सलमान अंसारी, शोभा जोशी, गीता मेहरा, मीना भैसोड़ा आदि मौजूद रहे। (आगे पढ़िये...)
राजकीय मेले का दर्जा नहीं मिलने से नाराजगी
अल्मोड़ा: यहां प्राचीनतम नंदादेवी मेले को आज तक राजकीय मेले का दर्जा नहीं मिलने की टीस भी बरकरार है। यह मुद्दा भी प्रेसवार्ता में उठा। इस पर समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने कहा कि अल्मोड़ा का नंदादेवी मेला सबसे पुराना है, लेकिन दरकार के बावजूद इसे सरकार ने आज तक राजकीय मेले का दर्जा नहीं दिया। निवर्तमान पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि सभी का लक्ष्य मेले को शांतिपूर्ण कराना होना चाहिए। प्राचीनता को देखते हुए सरकार ने खुद ही इस मेले को राजकीय मेला घोषित करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पुराने मेले की उपेक्षा उचित नहीं है। इसलिए सरकार को चाहिए कि अल्मोड़ा नंदादेवी मेले को अविलंब राजकीय मेला घोषित करते हुए इसके लिए समुचित संसाधन उपलब्ध कराना चाहिए। वहीं समिति के सलाहकार डा. निर्मल जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में विभिन्न जगहों पर मेले के साथ मां नंदा पूजी जाती है।, लेकिन चंद राजवंश के प्रतिनिधि आज भी अपनी कुलदेवी की पूजा के लिए अल्मोड़ा पहुंचते हैं। इस बात की अहमियत को समझते हुए सरकार को इस मेले को राजकीय मेले का दर्जा देना चाहिए। (आगे पढ़िये...)
आरोप लगाने वालों को कानूनी नोटिस
अल्मोड़ा: आज प्रेसवार्ता में नंदादेवी मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने यह भी कहा कि जो भी व्यक्ति अपनी संतुष्टि के लिए समिति के आय—व्यय का विवरण जानना चाहता है, वह रविवार के दिन समिति के कोषाध्यक्ष के पास आकर देख सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन लोगों ने समिति पर अनर्गल आरोप लगाए हैं, उन्हें समिति द्वारा कानूनी नोटिस भेजे जा रहे हैं।