‘एनडीए’ बनाम ‘इंडिया ’: 26 विपक्षी दलों ने बेंगुलरु में बनाया नया गठबंधन
बेंगलुरु | कांग्रेस समेत देश के 26 विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को अगले साल होने वाले आम चुनाव में मिलकर चुनौती देने के लिए मंगलवार को यहां ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लूसिव एलायंस) Indian National Developmental Inclusive Alliance (INDIA) के गठन की घोषणा की।
बैठक में शामिल नेताओं ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की जगह स्थापित किये जा रहे इस नये गठबंधन के नेताओं ने इसके संचालन के लिए एक समन्वय समिति बनाने और अगली बैठक मुम्बई में करने का फैसला लिया है। दो दिन चली बैठक के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, “ हमने 11 लोगों की एक समन्वय समिति बनाने का फैसला किया है। इसके लिए सह-संयोजक बनाये जायेंगे और अगली बैठक मुम्बई में होगी।”
पिछले माह 16 विपक्षी दलों की बैठक पटना में हुई थी, जिसके लिए न्योता बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यू) नेता नीतीश कुमार ने दिया था। बेंगलुरु बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी भी शामिल थे। बैठक के बाद खड़गे समेत संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने वाले विपक्षी नेताओं ने नरेन्द्र मोदी सरकार की तथाकथित विभाजनकारी और जनविरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि बेंगलुरु में एक नयी शुरुआत हुई है और इसके जरिए विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ एक राष्ट्र की ओर से चुनौती देने के लिए खड़ा हुआ है।
संवाददाता सम्मेलन को तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के राहुल गांधी ने संबोधित करते हुए मोदी सरकार सरकार पर तीखे हमले किये।
बनर्जी ने कहा, “बेंगलुरु में अच्छी शुरुआत हुई है। हमने इस गठबंधन ‘इंडिया’ का गठन किया है। यह देश भर में खरीद-फरोख्त की राजनीति कर रही भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ देश की ओर से वास्तविक चुनौती है। ” उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अपने विरोधियों के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सरकार के अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति पर नियंत्रण संबंधी केन्द्र के अध्यादेश के विरोध पर कांग्रेस पार्टी का समर्थन हासिल करने के बाद विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हुए केजरीवाल ने कहा, “ आज से नौ साल पहले मोदी के नेतृत्व में केन्द्र में सरकार बनी। उसके सामने देश के लिए काम करने का बड़ा अवसर था, लेकिन वह हर मोर्चे पर विफल रही है।”
गांधी ने कहा कि यह लड़ाई भारत की भावना के खिलाफ काम करने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ाई है। उन्होंने कहा कि देश की सम्पत्ति को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नजदीकी कुछ चंद व्यक्तियों के हाथों में दिया जा रहा है। देश की आवाज को दबाया-कुचला जा रहा है। यह उस आवाज को बचाने की लड़ाई है। यह लड़ाई ‘एनडीए’ और ‘इंडिया’ के बीच है, उनकी विचारधारा और ‘इंडिया’ के बीच है।
गांधी ने कहा, “ यह हमारी दूसरी बैठक थी, हम सबने निर्णय लिया है कि अब एक ‘एक्शन प्लान’ (कार्ययोजना) बनायेंगे। हमारी अगली बैठक महाराष्ट्र में होगी।” महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता उद्धव ठाकरे ने विपक्ष पर परिवारवाद को बढ़ावा देने वाली राजनीति के भाजपा के आरोपों के जवाब में कहा, “ हम देश को परिवार मानते हैं। देश ही हमारा परिवार है।”
खड़गे ने महाराष्ट्र में शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना में फूट को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि पवार और ठाकरे जन नेता हैं। उनकी पार्टी के विधायक कहीं भी गये हो, इससे फर्क नहीं पड़ता।
एक अन्य सवाल के जवाब में खड़गे ने कहा कि नए गठबंधन की पहल हो गयी और इसके घटक दलों के बीच राज्य स्तर पर उठने वाले मुद्दों का समाधान हमारे नेता निकालेंगे। इस बीच, भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन राजग की आज ही नयी दिल्ली में बैठक हो रही है जिसमें 38 दलों के शामिल होने का दावा किया गया है।
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