नैनीताल के पुराने मेट्रोपोल होटल परिसर में पार्किंग बनाने की अनुमति
नैनीताल | गृह मंत्रालय, भारत सरकार के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक राहुल नांगरे द्वारा नैनीताल जिले की डीएम वंदना को मेट्रोपोल होटल परिसर, मल्लीताल, नैनीताल में खुले स्थान को सतही पार्किंग हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्रदान किया गया। यह अनुमति व्यापक सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए अस्थायी और तदर्थ आधार पर दी गई।
NOC में यह स्पष्ट किया गया है कि यह व्यवस्था माननीय न्यायालयों के निर्देशों के अनुसार होगी और शत्रु संपत्ति के निपटान या स्थायी हस्तांतरण के रूप में मान्य नहीं होगी। शत्रु संपत्ति पर किसी भी प्रकार की स्थायी संरचना बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
राज्य सरकार की नीति के अनुसार, पार्किंग स्थल के पट्टे से प्राप्त किराये की आय का 90% शत्रु संपत्ति अभिरक्षक (CEPI) को भेजा जाएगा। जो भारत की समेकित निधि (CFI) का हिस्सा बनेगा। साथ ही गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि सतही पार्किंग के लिए बोली (Auction) प्रक्रिया में गृह मंत्रालय और कस्टोडियन के प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे। राज्य सरकार की नीति के अनुसार, पार्किंग स्थल को पट्टे पर देने से प्राप्त किराये की आय सबसे अधिक बोली लगाने वाले को दी जाएगी।
पूर्व में डीएम नैनीताल वंदना द्वारा यह प्रस्ताव गृह मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा गया था। शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद इसका उपयोग पार्किंग के लिए हो सकेगा। पूरी संपत्ति पर पार्किंग बनी तो इसकी क्षमता डेढ़ हजार वाहनों से अधिक होगी।
मेट्रोपोल होटल परिसर को इसके मालिक के पाकिस्तान चले जाने के बाद 1960 में शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया था। इसे 1880 में अंग्रेजों ने बनाया था और देश की आजादी के समय महमूदाबाद के नवाब के पास इसका मालिकाना हक था। बरसों से बंद पड़े इस होटल का एक शानदार अतीत रहा है और एक जमाने में इसमें कई जानी-मानी हस्तियां रुक चुकी हैं। गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि पार्किंग के लिए बोली प्रक्रिया में गृह मंत्रालय और ‘कस्टोडियन’ के प्रतिनिधि अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे।
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