For the best experience, open
https://m.creativenewsexpress.com
on your mobile browser.

केजरीवाल को दिल्ली सीएम पद से हटाने की मांग वाली अर्जी खारिज

03:43 PM Mar 28, 2024 IST | CNE DESK
केजरीवाल को दिल्ली सीएम पद से हटाने की मांग वाली अर्जी खारिज
Arvind Kejriwal
Advertisement

नई दिल्ली | Delhi High Court ने शराब नीति 2021-2022 में कथित घोटाले से संबंधित धनशोधन के एक मामले में फंसे आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की याचिका गुरुवार को खारिज कर दी।

Advertisement

दिल्ली हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस (ACJ) ने मामले में दखल देने से इनकार करते हुए कहा कि ये कार्यपालिका का मसला है। "इस याचिका पर हमें सुनवाई नहीं करना चाहिए। कार्यपालिका को ये मामला देखना चाहिए। इसमें न्यायपालिका के दखल की कोई गुंजाइश नहीं है।"

Advertisement

केजरीवाल ने 23 मार्च को अपनी गिरफ्तारी और राऊज एवेन्यू कोर्ट के रिमांड के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए फौरन सुनवाई की मांग की थी। 27 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को राहत देने से इनकार कर दिया। मामले पर अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी।

दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिका क्या थी?

सुरजीत सिंह यादव ने जनहित याचिका दाखिल की थी। इसमें यादव ने कहा था कि जेल से भी केजरीवाल मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं। इससे न्यायालय में चल रहा मामला प्रभावित होगा। इससे दिल्ली की संवैधानिक मशीनरी भी तबाह हो जाएगी।

Advertisement

याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट के 6 कमेंट

1. जो आप कह रहे हैं, उसके लिए कोई कानून या नियम है। हमें बताइए। क्या ऐसा कोई प्रतिबंध है, जो आप हमें बता सकें। ऐसी कोई भी चीज कि केजरीवाल मुख्यमंत्री के पद पर नहीं रह सकते हैं?

2. आपको हमें बताना होगा कि ऐसा कोई नियम है, कोई प्रतिबंध है, जो केजरीवाल को मुख्यमंत्री के पद पर रहने से रोकता हो। इस मामले में अगर कोई संवैधानिक विफलता होती है तो राष्ट्रपति या फिर LG इस पर कदम उठाएंगे।

Advertisement

3. क्या इस मामले में किसी तरह के न्यायिक हस्तक्षेप की गुंजाइश है? हमने आज का अखबार पढ़ा। LG इस मामले देख रहे हैं। इसके बाद यह मामला राष्ट्रपति के पास जाएगा।

4. हम मानते हैं कि कुछ व्यावहारिक दिक्कतें हो सकती हैं। हम इस पर कोई आदेश क्यों जारी करें? हमें राष्ट्रपति या LG को कोई निर्देश देने की जरूरत नहीं है। कार्यपालिका राष्ट्रपति शासन लागू करती है। उन्हें निर्देश देना हमारा काम नहीं है। हम इसमें दखलंदाजी कैसे कर सकते हैं? हमें विश्वास है कि कार्यपालिका इस पूरे मामले को देख रही है। कुछ वक्त लग सकता है, लेकिन वो फैसला जरूर कर लेंगे। आज की तारीख में कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है।

5. हमें राजनीति में नहीं उतरना चाहिए। राजनीतिक पार्टियां इसे देखेंगीं। ये जनता के बीच होगा। यह हमारा काम नहीं है। न्यायिक दखलंदाजी की इसमें कोई गुंजाइश नहीं है। ये अब दूसरे लोगों का मामला है।

6. याचिकाकर्ता का कहना है कि अगर केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रहते हैं तो दिल्ली सरकार की विश्वसनीयता और छवि खराब होगी।

अदालत का ऑर्डर क्या है?

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, "हमने याचिकाकर्ता के वकील को सुना। इस कोर्ट का यह मानना है कि इस मामले में न्यायिक दखल की कोई गुंजाइश नहीं है। हम इस याचिका को खारिज करते हैं। याचिका की मेरिट पर हम कोई कमेंट नहीं कर रहे हैं।

केजरीवाल जेल से सरकार चला रहे, दो आदेश जारी कर चुके

केजरीवाल गिरफ्तार होने वाले पहले सिटिंग CM हैं। इससे पहले झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन को ED ने गिरफ्तार किया था। सोरेन ने ED की हिरासत में राजभवन जाकर इस्तीफा दे दिया था। गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल जेल से ही सरकार चला रहे हैं। वे जेल से दो आदेश जारी कर चुके हैं।

केजरीवाल ने 23 मार्च को जल मंत्रालय के नाम पहला सरकारी आदेश जारी किया था। उन्होंने जल मंत्री आतिशी को निर्देश दिया था कि दिल्ली में जहां पानी की कमी है, वहां टैंकरों का इंतजाम करें। उन्होंने कोर्ट में पेशी के समय कहा था कि वे इस्तीफा नहीं देंगे, जरूरत पड़ी तो जेल से सरकार चलाएंगे।

इसके बाद केजरीवाल ने 26 मार्च को दूसरा सरकारी आदेश जारी किया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश दिए कि मोहल्ला क्लिनिक में गरीबों के लिए दवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। लोगों को मुफ्त जांच और दवाई मुहैया कराई जाए।

केजरीवाल के सरकारी आदेश देने के मामले की जांच कर रही ED

कस्टडी से केजरीवाल सरकारी आदेश कैसे दे रहे हैं, इसे लेकर ED जांच कर रही है। ED सूत्रों का कहना है कि उनके पास न ही कोई पेपर मिला और न ही कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे कंप्यूटर या फोन, तो फिर उन्होंने कैसे कोई ऑर्डर पास कर दिया? ये जांच का विषय है। ED के सीनियर अफसरों की टीम जल्द ही रिपोर्ट तैयार करेगी।

Advertisement