उत्तराखंड : अरे ये क्या ? एम्स ऋषिकेश के 4th फ्लोर पर पुलिस की गाड़ी
ऋषिकेश | अरे ये क्या ? एम्स ऋषिकेश के इमरजेंसी वार्ड में पुलिस की गाड़ी, जी हां सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो सत्य है। पुलिस ने इसकी पुष्टि कर इसका कारण भी बताया है।
एम्स ऋषिकेश के चौथी मंजिल की इमरजेंसी वार्ड में उस समय हड़कंप मच गया, जब मरीजों के बेड के बीचों-बीच से पुलिस का वाहन गुजरा। यह देख वहां मौजूद तमाम मरीज हैरान हो गए। पुलिस की गाड़ी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पुलिस की गाड़ी एम्स की चौथी मंजिल के इमरजेंसी वार्ड में दौड़ते हुए नजर आ रही है। पुलिस और एम्स ऋषिकेश के सुरक्षा कर्मी गाड़ी निकालने के लिए मरीजों को इधर-उधर हटा रहे हैं। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि जैसे ही पुलिस की बोलेरो गाड़ी मरीजों के वार्ड में पहुंची, वहां मौजूद तमाम मरीज हक्के-बक्के रह गए। सुरक्षाकर्मी स्ट्रेचर को जल्दी-जल्दी रास्ते से हटाने लगे। मरीजों को कुछ समझ नहीं आ रहा था। वे यही देखते रह गए कि अचानक पुलिस की गाड़ी वार्ड में कैसे पहुंच गई और ऐसा क्या हो गया जो इतनी हड़बड़ी मची हुई है। नीचे देखें वीडियो
महिला डॉक्टर ने छेड़खानी के आरोप में कराया मुकदमा दर्ज
दरअसल, घटना मंगलवार की है। जब एम्स ऋषिकेश की एक महिला डॉक्टर ने एम्स के ही नर्सिंग अधिकारी सतीश कुमार पर छेड़खानी करने और अश्लील MMS भेजने का आरोप लगाया था। पुलिस ने महिला डॉक्टर की शिकायत पर मंगलवार को मुकदमा दर्ज तो कर लिया था। लेकिन नर्सिंग अधिकारी की गिरफ्तारी न होने पर डॉक्टर आक्रोशित थे। जिसके बाद एम्स के डॉक्टर ने कार्य बहिष्कार कर दिया और नर्सिंग अधिकारी की गिरफ्तारी पर अड़ गए।
जब पुलिस ऋषिकेश एम्स में महिला डॉक्टर से छेड़खानी के आरोपी को गिरफ्तार करने पहुंची तो पता चला कि आरोपी डॉक्टर की ड्यूटी चौथी मंजिल पर है, तभी पुलिस अपनी गाड़ी को लेकर एम्स ऋषिकेश के चौथी मंजिल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंच गई। गाड़ी को अस्पताल की मंजिलों पर रैंप के जरिए ले जाया गया।
पुलिस ने क्या कहा ?
इधर आईजी गढ़वाल करण सिंह नागन्याल का कहना है, महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ के आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की एक गाड़ी एम्स ऋषिकेश के आपातकालीन वार्ड में गई थी। एम्स प्रशासन उन्हें वहां ले गया ताकि आरोपी सुरक्षित ग्रीन कॉरिडोर से बाहर जा सकें। लोगों में इतना गुस्सा था कि वे आरोपियों पर हमला करना चाहते थे। एम्स प्रशासन ने पुलिस की गाड़ी को एस्कॉर्ट किया।
आईजी ने बताया, ''पीड़ित जूनियर डॉक्टर है, 21 मई को सूचना मिली, जिसमें तुरंत छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया...स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट है कि यह छेड़छाड़ का मामला है और उन्होंने लिखित में माफी मांगी है। इसलिए ये सभी रिकॉर्ड किए गए सबूत हैं और प्रत्यक्षदर्शी भी हैं, पुलिस द्वारा कानूनी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
आईजी ने आगे कहा, ''चूंकि 3 साल से कम की सजा का प्रावधान है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशानिर्देश हैं, तो इस आदेश में 41 ए का नोटिस दिया गया और उन्हें रिहा कर दिया गया।"