बागेश्वर: चौकस सड़कों के दावे को झुठला रहा पोथिंग मोटरमार्ग
✍️ न निकासी नाली का पता है और न ही ढर्रे पर कलमठ व कॉजवे
✍️ सड़क के रखवालों ने मूंदी आंखें, मानों किसी बड़े हादसे का इंतजार हो
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: कपकोट तहसील क्षेत्र का पोथिंग मोटरमार्ग चौकस सड़कों के दावों को झुठला रहा है। सड़क का डामरीकरण अधिकांश जगहों पर उखड़ चुका है। न तो निकास नाली का पता है और न ही कलमठ व कॉजवे ढर्रे पर हैं। गधेरों के पानी के लिए यह सड़क नाला बनी है। काफी सड़क से सड़क अपनी बदहाली पर आसूं बहा रही है और इसके रखवाले ऐसी अनदेखी कर रहे हैं, मानों उन्हें किसी बड़े हादसे का इंतजार हो।
बता दे कि करीब 3500 की आबादी वाले पोथिंग गांव के लिए बनी सड़क पर वर्ष 2017 में डामरीकरण किया गया था। वर्तमान में सात किमी लंबी सड़क बदहाल हो चुकी है। सड़क में निकास नाली नहीं है। अधिकांश स्थानों पर कलमठ नहीं बनाए गए हैं। जो बने हैं उनको सफाई की दरकार है। माउझील गधेरे और मोनिया गधेरे में बने कॉजवे बारिश की भेंट चढ़ चुके हैं। सुंअरीगाड़ गधेरे में 10 साल पहले कॉजवे बनाने का काम शुरू हुआ था लेकिन वह पूरा ही नहीं हुआ। वर्तमान में गधेरे को पार करना खतरनाक है।
कई बार यहां पर गाड़ियों फंस जाती हैं। नायल गधेरे और पातलबगड़ गधेरे का हाल भी इससे अलग नहीं है।भुगरिया गधेरे पर बना कलमठ भी बंद है जिस कारण पानी सड़क में बह रहा है। आवासीय क्षेत्र में भी सड़क का डामर पूरी तरह से उखड़ गया है। सड़क में डामर कम, गड्ढे अधिक होने से वाहन चालकों और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वही क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता दीपक गड़िया सड़क कई साल से बदहाल है। इस दुर्दशा से वाहन मालिकों को सबसे अधिक दिक्कत झेलनी पड़ रही है। यात्री रोजाना जान जोखिम में डालकर सफर करने के लिए मजबूर हैं। सड़क खराब होने के कारण वाहन चालक भाड़ा भी अधिक लेते हैं। दोपहिया वाहन चालक अक्सर गड्ढों के कारण चोटिल हो रहे है।