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प्रधानमंत्री मोदी ने किया जेड मोड़ टनल का उद्घाटन, 1 घंटे की दूरी 15 मिनट में तय होगी

12:59 PM Jan 13, 2025 IST | CNE DESK
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श्रीनगर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में जेड मोड़ टनल का उद्घाटन किया। श्रीनगर-लेह हाइवे NH-1 पर बनी 6.4 किलोमीटर लंबी डबल लेन टनल श्रीनगर को सोनमर्ग से जोड़ेगी। बर्फबारी की वजह से यह हाइवे 6 महीने बंद रहता है। टनल बनने से लोगों को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी।

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श्रीनगर-लेह हाइवे पर गगनगीर से सोनमर्ग के बीच पहले 1 घंटे से ज्यादा समय लगता था। इस टनल के कारण अब यह दूरी 15 मिनट में पूरी हो सकेगी। इसके अलावा गाड़ियों की स्पीड भी 30 किमी/घंटा से बढ़कर 70 किमी/घंटा हो जाएगी। दुर्गम पहाड़ी वाले इस इलाके को क्रॉस करने में पहले 3 से 4 घंटे का समय लगता था। अब यह दूरी मात्र 45 मिनट में पूरी होगी।

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टूरिज्म के अलावा देश की सुरक्षा के लिए भी यह प्रोजेक्ट अहम है। इससे लद्दाख तक सेना की पहुंच आसान होगी। यानी बर्फबारी के समय जो सामान सेना को एयरफोर्स के विमान में लेकर जाना पड़ता था, अब वह सड़क मार्ग से ही कम खर्च में पहुंच सकेगा। जेड मोड़ टनल 2700 करोड़ रुपए की लागत से बनी है। इसका निर्माण 2018 में शुरू हुआ था। टनल 434 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-करगिल-लेह हाईवे प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के तहत 31 टनल बनाई जा रही हैं, जिनमें से 20 जम्मू-कश्मीर में और 11 लद्दाख में हैं।

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12 साल में बनी टनल, चुनाव के कारण उद्घाटन टला

टनल प्रोजेक्ट की शुरुआत 2012 में हुई। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन को इस टनल प्रोजेक्ट दिया गया, लेकिन बाद में प्राइवेट कंपनी को काम सौंपा गया। PPP मॉडल के तहत बनी यह टनल अगस्त 2023 तक शुरू हो जानी थी, लेकिन कोरोना काल में कंस्ट्रक्शन में समय लगा। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता लगी और इसका उद्घाटन कुछ और दिन टला। प्रोजेक्ट पूरा होने में कुल 12 साल लगे। 2700 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में 36 करोड़ रुपए भूमि अधिग्रहण और कंस्ट्रक्शन शुरू करने के पहले इंन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग में लगे। यह टनल समुद्र तल से 2600 मीटर यानी 5652 फीट की उंचाई पर बनी है। यह मौजूदा जेड शेप सड़क से करीब 400 मीटर नीचे बनी है।

जेड मोड़ टनल के आगे बन रही जोजिला टनल का काम 2028 में पूरा होगा। इसके तैयार होने के बाद ही बालटाल (अमरनाथ गुफा), कारगिल और लद्दाख को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिलेगी। दोनों टनल के शुरू होने के बाद इसकी कुल लंबाई 12 किलोमीटर हो जाएगी। इसमें 2.15 किमी की सर्विस/लिंक रोड भी जुड़ जाएगी। इसके बाद यह एशिया का सबसे लंबी टनल बन जाएगी। फिलहाल हिमाचल प्रदेश में बनी अटल टनल एशिया की सबसे लंबी टनल है। इसकी लंबाई 9.2 किलोमीटर है। यह मनाली को लाहौल स्पीति से जोड़ती है। चीन से लगी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल तक सेना के लिए रसद और हथियार पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बर्फबारी के समय आर्मी पूरी तरह से एयरफोर्स पर निर्भर हो जाती है। दोनों टनल प्रोजेक्ट के पूरे होने से आर्मी कम खर्च में अपना सामान LAC तक पहुंचा सकेगी। साथ ही चीन बॉर्डर से पाकिस्तान बॉर्डर तक बटालियन मूव करने में भी आसानी होगी।

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