अद्भुत : इतिहास में पहली बार अयोध्या में रामलला का सूर्य तिलक
🔥 मंदिर परिसर में उमड़ पड़ा जन सैलाब 📌 दोपहर 12.16 बजे हुआ सूर्याभिषेक 👉 पीएम ने भी साझा की तस्वीर
अयोध्या। श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या में आज एक अद्भुत पल था। जब 500 सालों के इतिहास में पहली बार प्रभू श्री रामलला का सूर्य तिलक किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने। उन्होंने असम दौरे के बीच ही हवाई यात्रा में सूर्य तिलक का लाइव प्रसारण देखा।
उल्लेखनीय है कि आज देश भर में रामनवमी बड़े धूमधाम से मनाई गई। वहीं, अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली बार असई रामनवमी में विशेष आयोजन हुआ। इस अवसर पर रामलला के मस्तक को सूर्य किरणों से प्रकाशित किया गया।
इस दृश्य की प्रधानमंत्री ने अपने X हैंडल पर तस्वीर साझा की है। इसमें देखा जा सकता है कि कैसे वह अपना जूता उतारकर कुर्सी पर बैठे हुए हैं। उनके हाथ में टैबलेट हैं जिसके जरिये वे सीधा प्रसारण देख रहे हैं। उन्होंने अपने दाहिने हाथ को प्रणाम की मुद्रा में सीने से लगा रखा है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है - 'नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है। ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा।'
इस तकनीक से हुआ सूर्य तिलक
प्रोजेक्ट सूर्य तिलक में एक गियर बॉक्स, रिफ्लेक्टिव मिरर और लेंस की व्यवस्था इस तरह से की गई कि मंदिर के शिखर के पास तीसरी मंजिल से सूर्य की किरणों को गर्भगृह तक लाया गया। इसमें सूर्य के पथ बदलने के सिद्धांतों का उपयोग किया गया। सीबीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप चौहान ने बताया कि, शत प्रतिशत सूर्य तिलक रामलला की मूर्ति के माथे पर अभिषेक हुआ। सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की के वैज्ञानिकों की एक टीम ने सूर्य तिलक मैकेनिज्म को तैयार किया था। इसके डिजाइन को तैयार करने में टीम को पूरे दो साल लग गए थे।
अद्भुत था नजारा
रामलला के सूर्याभिषेक का ये नजारा बेहद अद्भुत था। मंत्रोच्चारण के बीच रामलला का ललाट सूर्य की किरणों से जगमग हो उठा। मंदिर में बहुत दिव्य और भव्य नजारा थ। इस दौरान मंदिर में जलसैलाब उमड़ा हुआ था और रामभक्तों में सूर्याभिषेक को लेकर खासा उत्साह देखा गया। दोपहर 12.16 बजे आस्था और विज्ञान के संगम के जरिए सूर्याभिषेक हुआ। सूर्य की रोशनी मंदिर की तीसरी मंजिल पर लगे पहले दर्पण पर पड़ी, जो यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में गई। पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण से टकराकर सूर्य की रोशनी 90 डिग्री पर पुनः परावर्तित हो गई। फिर पीतल के पाइप से जाते हुए यह किरण तीन अलग-अलग लेंस से होकर गुजरी और लंबे पाइप के गर्भगृह वाले सिरे पर लगे शीशे से टकराई। गर्भगृह में लगे शीशे से टकराने के बाद किरणों ने सीधे रामलला के मस्तिष्क पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक लगाया और लगातार पांच मिनट तक प्रकाशमान रही।
रामलला का सूर्य तिलक
After my Nalbari rally, I watched the Surya Tilak on Ram Lalla. Like crores of Indians, this is a very emotional moment for me. The grand Ram Navami in Ayodhya is historic. May this Surya Tilak bring energy to our lives and may it inspire our nation to scale new heights of glory. pic.twitter.com/QqDpwOzsTP
— Narendra Modi (@narendramodi) April 17, 2024