रुद्रपुर : ऑनलाइन गेम खेलने से कर्ज में डूबे छात्र ने खाया जहर, अस्पताल में मौत
हल्द्वानी/रुद्रपुर | ऑनलाइन गेम खेलने से कर्ज में डूबे 12वीं के छात्र ने जहर खा लिया। हालत गंभीर होने पर उसे रुद्रपुर अस्पताल के बाद हल्द्वानी एसटीएच लाया गया, यहां उसकी मौत हो गई। स्वजन का कहना है कि छात्र को ऑनलाइन गेम की लत लग चुकी थी। गेम के कारण जब वह कर्ज में डूबा तो आत्मघाती कदम उठा लिया। उसकी मौत से स्वजन सदमे में हैं।
रुद्रपुर की आदर्श कालोनी में रहने वाला 18 वर्षीय सागर एक साल से रुपये लगाकर ऑनलाइन गेम खेल रहा था। छात्र के चाचा ने बताया कि सालभर पहले स्वजन ने बेटे को ऑनलाइन गेम न खेलने की नसीहत दी थी। इस पर छात्र ने आगे से गेम नहीं खेलने की बात कही, लेकिन उसके गेम खेलने की लत नहीं छूटी। चाचा के अनुसार, भतीजा पिछले कुछ महीने से लगातार तनाव में था। ऑनलाइन गेम के चक्कर में उसके कर्ज में डूबने की बातें कहीं जा रही है। इससे आहत होकर मंगलवार रात सागर ने जहर खा लिया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। स्वजन उसे पहले रुद्रपुर के निजी अस्पताल ले गए, जहां से गंभीर हालत में छात्र को डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय हल्द्वानी रेफर किया गया। बुधवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। छात्र के पिता खोखा चलाते हैं। मां गृहिणी हैं। सागर तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था।
गेम खेलने से डिप्रेशन में जा रहे बच्चे
एसटीएच के मनोविज्ञानी डा. युवराज पंत के अनुसार, छोटे बच्चों में डिजिटल की बुरी लत बढ़ती जा रही हैं। ऑनलाइन गेम खेलने के कारण बच्चों की आंखों की रोशनी कम होना आम बात है। वहीं, मोटापा, डिप्रेशन व एकाग्रता में कमी जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं। चिड़चिड़े हो रहे हैं और छोटी-छोटी बातों पर उग्र हो जाते हैं। इन समस्याओं को बच्चों को बचाना बहुत जरूरी है।
बच्चों को मोबाइल से दूर रखना संभव नहीं, लेकिन नियंत्रण जरूरी
टेक्नोलाजी के दौर में बच्चों को मोबाइल और कंप्यूटर से दूर रखना संभव नहीं है। पढ़ाई की बातों तक मोबाइल और कंप्यूटर का इस्तेमाल तक तो ठीक है, लेकिन समस्या तब होती है, जब बच्चों को छोटी उम्र में ऑनलाइन गेम की बुरी लत लग जाती है। इन ऑनलाइन गेम खेलने के कई साइड इफेक्ट होते हैं।
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