For the best experience, open
https://m.creativenewsexpress.com
on your mobile browser.
Advertisement

Big Breaking : रूस का लूना-25 स्पेसक्राफ्ट चांद पर क्रैश हुआ

03:03 PM Aug 20, 2023 IST | CNE DESK
big breaking   रूस का लूना 25 स्पेसक्राफ्ट चांद पर क्रैश हुआ
Advertisement

जर्मनी के डीडब्ल्यू न्यूज ने अंतरिक्ष निगम रोस्कोस्मोस के हवाले से बताया कि रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।

Russia's Luna-25 spacecraft has crashed into the moon | रूस का लूना-25 स्पेसक्राफ्ट क्रैश हो गया है। स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने बताया कि शनिवार शाम 05:27 बजे से उसका संपर्क टूट गया था। शनिवार को इसमें प्री-लैंडिंग ऑर्बिट बदलने के दौरान तकनीकी खराबी आ गई थी। लूना को 21 अगस्त को चंद्रमा के साउथ पोल पर बोगुस्लावस्की क्रेटर के पास लैंड करना था।

रोस्कोस्मोस (State Space Corporation ROSCOSMOS) ने बताया था कि लूना-25 के फ्लाइट प्रोग्राम के अनुसार स्पेसक्राफ्ट को प्री-लैंडिंग कक्षा (18 Km x 100 Km) में प्रवेश कराने के लिए कमांड दिया गया था। ये कमांड भारतीय समयानुसार शनिवार दोपहर 04:30 बजे दिया गया था। इस दौरान लूना पर इमरजेंसी कंडीशन बन गई क्योंकि स्पेसक्राफ्ट तय पैरामीटर के अनुसार थ्रस्टर फायर नहीं कर पाया।

Advertisement

11 अगस्त को लॉन्च किया गया था लूना-25

लूना-25 स्पेसक्राफ्ट को 11 अगस्त को सोयूज 2.1बी रॉकेट के जरिए वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया था। लूना-25 को उसी दिन अर्थ की ऑर्बिट से चांद की तरफ भेज दिया गया था। स्पेसक्राफ्ट 16 अगस्त को दोपहर 2:27 बजे चांद की 100 किलोमीटर की ऑर्बिट में पहुंच गया था।

47 साल बाद रूस ने चांद पर भेजा कोई मिशन

रूस ने 47 साल बाद चांद पर अपना मिशन भेजा था। इससे पहले उसने 1976 में लूना-24 मिशन भेजा था। लूना-24 चांद की करीब 170 ग्राम धूल लेकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस पहुंचा था। अभी तक जितने भी मून मिशन हुए हैं, वो चांद के इक्वेटर पर पहुंचे हैं, यह पहली बार था कि कोई मिशन चांद के साउथ पोल पर लैंड करने वाला था।

चंद्रयान-3 से पहले लैंड होने वाला था लूना

भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया था। फ्यूल का कम इस्तेमाल हो और कम खर्च में यान चंद्रमा पर पहुंच जाए इसलिए उसने पृथ्वी की ग्रैविटी का इस्तेमाल किया है। इस प्रोसेस में फ्यूल तो बच जाता है, लेकिन समय ज्यादा लगता है। इसलिए चंद्रयान को चांद पर पहुंचने में ज्यादा टाइम लग रहा है।

लूना-25 चंद्रमा के बोगुस्लावस्की क्रेटर के पास लैंड करना था जबकि चंद्रयान मैंजिनस U क्रेटर के पास लैंड करेगा। इसके कोऑर्डिनेट 69.36˚S और 32.34˚E हैं। इन दोनों क्रेटर्स के बीच की दूरी 100 Km से ज्यादा है।

लूना-25 मिशन का मकसद क्या था

⏭️ चांद की मिट्टी के नमूने लेकर बर्फ की उपस्थिति का पता लगाना
⏭️ अपनी लेटेस्ट सॉफ्ट-लैंडिंग और दूसरी स्पेस टेक्‍नोलॉजी की टेस्टिंग
⏭️ साउथ पोल पर मिट्टी की फिजिकल-मैकेनिकल प्रॉपर्टी का अध्ययन
⏭️ सोलर विंड के असर को देखने के लिए प्लाज्मा-धूल का अध्ययन
⏭️डीप स्पेस और दूर के ग्रहों की खोज के लिए एक लॉन्चिंग पैड

चांद पर अपना बेस बनाना चाहता है रूस

रूस का लूना-25 मिशन चांद पर उसके फुली ऑटोमेटेड बेस बनाने के प्रोग्राम का हिस्सा था। रॉस्कॉस्मोस के हेड यूरी बोरिसोव ने बताया कि 2027, 2028 और 2030 में लूना के तीन और मिशन लॉन्च किए जाएंगे। इसके बाद हम चीन के साथ अगले फेज में एंटर करेंगे। इस फेज में हम चांद पर मैन्ड मिशन भेजेंगे और लूनर बेस भी बनाएंगे।

दुःखद खबर, सेना का ट्रक खाई में गिरा; 9 जवान शहीद- Click Now
कढ़ाई में इस तरह बनायें स्वादिष्ट वेज पुलाव Click Now
Advertisement


Advertisement
×