बागेश्वर: कोरोनाकाल में काम लेकर दिखाया बाहर का रास्ता
✍️ आश्वासन भी धरे रहे, अब कोटगाड़ी मंदिर में मांगेंगे न्याय
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: कोरोनाकाल में रखे गए स्वास्थ्य कर्मियों ने समायोजन की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह दो वर्ष तक रोगियों के बीच जूझते रहे। बीते वर्ष मार्च में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। छह माह का आंदोलन किया। वह नियुक्ति को लेकर दर-दर भटक रहे हैं। यदि उन्हें उपनल के माध्यम से समायोजित नहीं किया गया, तो वह कोटगाड़ी मंदिर जाएंगे, जहां न्याय मांगेंगे।
गुरुवार को उपनल कर्मचारियों ने उपजिलाधिकारी सदर मोनिका को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया। कहा कि कोरोनाकाल में उन्हें उपनल के माध्यम से नियुक्ति दी गई। कोरोना खत्म होने के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। आंदोलन के बाद उन्हें आश्वासन मिले। नियमानुसार सेवा विस्तार की बात की गई। लेकिन अब वह नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। उन्होंने 17 पर्यावरण मित्र, 12 वार्ड व्बाय, दो धोबी के पदों पर नियुक्ति की मांग की। कहा कि उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिल सकी है। इस दौरान मंजू उप्रेती, पूजा सोनी, ऊषा, रीतू कनौजिया, सीता देवी, संजय कनौजिया, भूपाल राम, पंकज आदि उपस्थित थे।