क्वारब डेंजर जोन में हालात बहुत खराब, कैसे निकलेगा समाधान !
✒️ एनएच लेगा वरिष्ठ भू—वैज्ञानिकों से सलाह
🔥 एक बार फिर होगा संयुक्त निरीक्षण
👉 जान जोखिम में डाल गुजर रहे वाहन
— क्वारब से अनूप सिंह जीना की रिपोर्ट
अल्मोड़ा—हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग— 109 में क्वारब के समीप हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। इस बीच बारिश, ओलावृष्टि व बर्फवारी के खतरे को देखते हुए स्थिति पर खास नजर रखी जा रही है। समस्या के स्थायी समाधान के लिए एनएच ने अब वरिष्ठ भू—वैज्ञानिकों से एक बार फिर सलाह-मशविरा करने का फैसला लिया है।
उल्लेखनीय है कि क्वारब पुल के पास आज की तारीख में भी सड़क की स्थिति बहुत ही दयनीय हालत में है। इस सड़क मार्ग पर डीएम अल्मोड़ा आलोक कुमार पांडेय के निर्देश पर 16 जनवरी तक रात्रि 9 से सुबह 6 बजे तक सभी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। वहीं, बारिश की संभावना को देखते हुए इन दिनों बड़े वाहनों को भी यहां से गुजरने नहीं दिया जा रहा है। सड़क की चौढ़ाई यहां महज 3 मीटर रह गई है और वह भी एक बोल्डर पर टिकी हुई है। जिससे खतरा बहुत ज्यादा है। यहां तो अब जेसीबी से काम करवाना भी खतरे से खाली नहीं रहा। ऐसे में सड़क का क्या होगा। इसके जवाब की प्रतीक्षा सभी को है।
वरिष्ठ भू—वैज्ञानिकों से की जायेगी राय—शुमारी, होगा स्थलीय निरीक्षण : ईई एनएच
एनएच के अधिशासी अभियंता रानीखेत महेंद्र कुमार ने बताया कि फिलहाल तो यहां दो दिन का अलर्ट है। यहां मार्ग अत्यंत संकरा हो चुका है। अतएव भारी मशीनों के सहारे काम करवाना भी गलत हो सकता है। जल्द ही वह स्वयं क्वारब के इस भू—स्खलन प्रभावित डेंजर जोन का निरीक्षण करेंगे। यहां काम बहुत सोच—समझ व सावधानी के साथ करना है। जेसीबी व पोकलैंड से काम करवाते वक्त कार्मिकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना आवश्यक है। जल्द ही वह भू—वैज्ञानिकों के साथ क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे। विभाग हाथ पर हाथ रखे नहीं बैठ सकता है। पब्लिक की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाना जरूरी है।
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वैकल्पिक मार्ग को ही ठीक करवा दे विभाग : गुरुरानी
इस संबंध में पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य विपिन गुरूरानी ने कहा कि हल्द्वानी से आने वाले वाहन वाया काकड़ीघाट डोबा होते हुए चौंसली के रस्ते अल्मोड़ा को जा रहे हैं। जिसमें ट्रक, बसें व हल्के वाहन भी हैं। उनका कहना है कि ग्राम रेंगल के पास सड़क संकरी है। विभाग को चाहिए कि वह कटान कर इस सड़क का चौड़ीकरण कर दे, ताकि आने—जाने वाले वाहनों को परेशानी न हो। यह एक सिंगल सड़क है, जिसमें वाहनों का इन दिनों भारी दबाव बना हुआ है। उन्होंने कहा कि गत तीन दिनों से इस सड़क से बड़े वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद है। इसे शासन—प्रशासन की उदासीनता ही कहा जा सकता है। हालात इतने खराब हैं कि छोटे वाहनों पर भी खतरा बरकरार है। नीचे से दीवार टूट गई है और पूरी सड़क एक बोल्डर पर ही टिकी है। उन्होंने कहा कि अगर बारिश होती है तो छोटे वाहनों का गुजरना भी असंभव हो जायेगा। बड़े—बड़े पदों में बैठे जनप्रतिनिधि क्या कर रहे हैं। पांच माह में भी इसका समाधान नहीं निकलना बहुत ही दुर्भाग्यपूण है।