''दो महीने में दो बेटे खो दिए'', कठुआ हमले में शहीद हुए आदर्श नेगी के परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
देहरादून | जम्मू के कठुआ में आतंकी हमले ने उत्तराखंड के एक परिवार से दो महीने में दूसरा बेटा छीन लिया। परिवार का 33 साल का बेटा जो भारतीय सेना में मेजर था वह 30 अप्रैल को लेह में शहीद हुआ। परिवार इस दुख से उबरने के लिए संघर्ष कर ही रहा था कि सोमवार को चचेरे भाई, 26 साल के आदर्श नेगी आतंकी हमले में शहीद हो गए।
आदर्श के चाचा सेना में राइफलमैन रहे बलवंत सिंह नेगी ने कहा कि हमने दो महीने में दो बेटों को खो दिया है। मैं सरकार से अनुरोध करूंगा कि वह आतंकियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए। सेना में नौकरी बहुत मेहनत से मिलती है। गढ़वाल और कुमाऊं से देश की सेवा के लिए जाने वाले बच्चे अक्सर शहीद होकर लौटते हैं। इससे पूरा परिवार टूट जाता है।
उत्तराखंड के टिहरी जिले के थाती डागर गांव के निवासी सेना में राइफलमैन रहे बलवंत सिंह नेगी ने कहा- अभी दो महीने पहले, हमने एक बेटे को खो दिया था। अब हमें पता चला है कि जम्मू-कश्मीर में एक काफिले पर आतंकवादी हमले में पौड़ी-गढ़वाल क्षेत्र के पांच सैनिक मारे गए थे। जिसमें आदर्श भी शहीद हुआ है।
बलवंत नेगी के बेटे मेजर प्रणय नेगी लेह में सेवारत थे और 30 अप्रैल को शहीद हो गए थे। लेह में हाई एल्टीट्यूड में तैनाती के दौरान ऑक्सीजन की कमी से तबियत बिगड़ने पर मेजर प्रणय नेगी शहीद हो गए थे।
आदर्श नेगी उन पांच सैनिकों में शामिल थे, जो सोमवार दोपहर जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के माचेडी इलाके में एक सैन्य काफिले पर आतंकवादियों के हमले में शहीद हो गए थे। कठुआ से करीब 150 किलोमीटर दूर माचेडी-किंडली-मल्हार रोड पर नियमित गश्त पर निकले सेना के वाहनों पर आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंका और फिर गोलीबारी शुरू कर दी।
आदर्श ने 2018 में गढ़वाल रायफल्स ज्वाइन की थी। बलवंत ने बताया कि आदर्श बहुत तेज बच्चा था और उसने गांव के एक स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उसने गढ़वाल यूनिवर्सिटी से बीएससी की पढ़ाई की। आदर्श हमेशा बहुत फिट रहते थे और मैंने उन्हें अपनी शारीरिक फिटनेस बनाए रखने के लिए कहा, जिससे अंततः उन्हें सेना में नौकरी मिल गई और अब उन्होंने देश के लिए अपना जीवन लगा दिया।
आदर्श ने GIC पिपलीधार से की थी पढ़ाई
कीर्तिनगर के आदर्श नेगी के पिता दलबीर सिंह नेगी गांव में ही रहते हैं और खेती करते हैं। आदर्श ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई राजकीय इंटर कॉलेज पिपलीधार में की थी। जिसके बाद B.sc. के दूसरे साल में सेना में भर्ती हो गए थे। आदर्श के तीन भाई बहन हैं जो उनसे छोटे हैं।
कठुआ में शहीद हुए सभी पांच जवान उत्तराखंड के
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सोमवार को हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड के 5 जवान शहीद हो गए। इनमें पौड़ी जिले के ग्राम धामदार निवासी राइफलमैन अनुज नेगी ने बलिदान दिया। इनके अलावा टिहरी गढ़वाल निवासी नायक विनोद सिंह, पौड़ी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक के थाती डागर निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी, रुद्रप्रयाग निवासी नायब सूबेदार आनंद सिंह, लैंसडौन निवासी हवलदार कमल सिंह शहीद हुए। एक साथ उत्तराखंड के पांच बेटों की शहादत से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पांचों जांबाजों की मौत पर शोक व्यक्त किया है।
शहीद के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल
हमले में शहीद होने के बाद पूरे उत्तराखंड में यह खबर आग की तरह फैल गई। शहीद परिवारों में सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीदों के घरों में लगातार आसपास के लोग पहुंच रहे हैं और शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
तीन भाई-बहनों में इकलौते भाई थे विनोद
शहीद विनोद सिंह भंडारी मूल रूप से टिहरी के रहने वाले थे। लेकिन 8 साल पहले उनका परिवार डोईवाला के अठूरवाला में शिफ्ट हो गया था। विनोद सिंह भंडारी तीन बहनों में इकलौते भाई थे। उनकी शहादत से पूरे परिवार में दुख की लहर है। लेकिन उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने देश के लिए बलिदान दिया है।